सपा के संगठन में व्यापक फेर बदल की तैयारी, सिद्धार्थनगर के जिला अध्यक्ष का जाना तय
नजीर मलिक
सपा जिलाध्यक्ष झिनकू चौधरी
सिद्धार्थनगर। समाजवादी पार्टी में सफाई अभियान की तैयारी बड़े पैमाने पर चल रहा है। कमजोर, जनाधार विहीन और पार्टी के संदिग्ध पदाधिकारियों की शिनाख्त शुरू कर दी गई है। यह काम १५ अप्रैल से शुरू कर दिया जायेगा। सफाई अभियान के पहले चरण में सिद्धार्थनगर के सपा जिलाध्यक्ष को भी हटाने की बात लगभग तय हो चुकी है।
खबर है कि चुनाव में हार के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पहली प्रथमिकता सांगठनिक ढांचे को मजबूत बनाने का है। इसके लिए उन्होंने जिलावार जानकारियां इकट्ठी करनी शुरू कर दी हैं। उन्हें रिपोर्ट देने वालों ने सिद्धार्थनगर जिले के संगठन के बारे में बहुत निराशाजनक जानकारी दी है। सबसे निगेटिव रिपोर्ट सपा जिला अध्यक्ष अजय चौधरी उर्फ झिनकू चौधरी के बारे में दी गई है।
बताया गया है कि एक दशक से अधिक समय तक अण्यक्ष रहने वाले ढिनकू चौधरी को क्षेत्र में कोई जनाधार नहीं है। वह कर्मी जाति के होने के बावजूद जिले में कुर्मियों को सपा से जोड़ पाने में विफल रहे। आरोप यहां तक लगाया गया है कि चुनाव में स्वयं उनके गांव किलिंग बूथ पर सपा का प्रदर्शन शर्मनाक रहा है।
बताया जाता है कि प्रदेश में हटाने जाने वाले जिलाध्यक्षों में सिद्धार्थनगर के झिनकू चौधरी पहले नम्बर पर है। खबर है कि अखिलेश यादव जिले से अच्छे व सक्रिय नेताओं के नाम तालाश रहे हैं। यह काम हर जिले में किया जा रहा है। जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, नये अध्यक्षों की सूची जारी कर दी जायेगी। यह काम १५ अप्रैल तक पूरा हो जाने की संभावना है। इसके बाद विधानसभा क्षेत्र अध्यक्षों का नम्बर आने की संभावना है।
लखनऊ से सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व विधायक मो. सईद भ्रमर, पूर्व विधायक लाल जी यादव, सपा नेता मुरलीधर मिश्र, बेचई यादव अफसर रिजवी आदि ऐसे नाम हैं, जिनमें से किसी एक पर अखिलेश यादव की मुहर लग सकती है। वैसे यदि यादव बिरादरी से हट कर अति पिछड़ी जाति का कोई नेता मिला तो उसे भी प्राथमिकता दी जा सकती है। इस लिहाज से प्रदीप पथरकट को भी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।