नेतृत्व संभाल कर महिलाएं बन सकती हैं सक्षम व स्वावलंबी- आशुतोष पांडेय
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। महिला समाज नेतृत्व का विकास कर समाज में प्रभावी भूमिका अदा कर सकता है। इसके अलावा महिलाएं स्वावलंबी होकर सक्षम भी बन सकती है। इसलिए ऐसे कार्यक्रमों में महिलाओं को बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए।
उक्त विचार जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय ने व्यक्त किया। वह गत दिनों भारत सरकार के कार्यक्रम नई रौशन के तहत ६ दिवसीय महिला नेतृत्व विकास प्रशिक्षण शिविर को सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन सदर तहसील के ग्राम कपिया रावत में किया गया था। कार्यक्रम का आयोजन महिला और बालोत्थान सेवा समिति द्धारा किया गया था।
इस अवसर पर श्री पांडेय ने कहा कि नेतृत्व विकास के प्रशिक्षण से महिलाओं को बहुत लाभ है। वह लीडरशिप का महत्व समझती है और फिर अपनी ऊर्जा को सकारात्मक उपयोग करती है। ऐसे प्रशिक्षण शिविर महिलाओं को स्वावलंबी बनाते हैं, उन्हें रोजगार से जोड़ते हैं। महिला आर्थिक रुप से मजबूत होती है तो उसका उत्पीड़न नहीं हो पाता है।
इससे पूर्व कार्यक्रम की संयोजक सुशीला और संस्था सचिव सुशीला मिश्र ने कार्यक्रम पर विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कपिया सहित सेमरियाव, बर्राहिया, सेहुड़ा, फुलवरिया आदि गांवों की महिलाओं को प्रमाण पत्र भी बांटे गये। कार्यक्रम में कांग्रेस महिला सेल की जिला अध्यक्ष रंजना मिश्रा, डा. प्रज्ञा, मधु त्रिपाठी, मुकश कुमार, राम चंदर गुप्ता एडवोकेट व ग्राम प्रधान नूर मोहम्मद आदि उपस्थित रहे।