Exclusive– मुहब्बत की वेदी पर शहीद हो गई पन्द्रह साल की कुसुम
नजीर मलिक
“पूर्वी यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में तेरह साल की कुसुम नाम की लड़की की जान मुहब्बत की ओट में चली गई। कुसुम की मौत को एक युवक के छेड़ने को लेकर आत्महत्या बताया गया है, लेकिन गांव वाले प्रेमी के वियोग में लड़की द्धारा खुदकशी मान रहे हैं। पुलिस ने फिलहाल कथित प्रेमी दीपक को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन गांव वालों का कहना है कि यह मुहब्बत में नाकाम होने का मामला है, जिसके तहत एक कली (कुसुम) फूल बनने से पहले ही मुरझा गई।”
घटना कल शाम को बांसी कोतवाली के तहत सोनबरसा गांव की बताई जाती है। कल देर शाम कुसुम के पिता रामपाल ने पुलिस की सूंचना दी कि उसकी बेटी कुसुम ने गले में रस्सी डाल कर आत्महत्या कर लिया है। उसने पुलिस को बताया की गांव का ही लड़का दीपक उसको अक्सर छेड़ता रहता था। हाल में ही छेड़खनी पर दोनों परिवारों में विवाद हुआ था और फिर दोनों पक्षों में सुलह हो गई थी।
छेड़खानी से तंग आकर कुसम ने दी जान
पिता के मुताबिक उसकी बेटी को शिकायत थी कि सुलह क्यों हुई? उसे सजा मिलनी चाहिए थी। इससे दुखी होकर कुसुम ने कल फांसी लगा कर जान दे दी। बाप के बयान और तहरीर के आधार पर छेड़खानी से दुखी हो कर आत्महत्या करने के आरोप में पुलिस ने दीपक को गिरफ्तार कर लिया। मगर गांव में कुछ और ही चर्चा सुनने को मिली।
मुहब्ब्त पर पहरे की वजह से लगाई फांसी
कुसुम के पिता के आरोप के उलट गांव वाले कुछ और ही बताते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कुसुम ने जान तो दी, मगर उसकी मुहब्बत पर पहरा था। असली वजह यह थी। ग्रामीएों की चर्चा के अनुसार कुसुम और दीपक में प्रेम था। यह बात गांव वालों को बुरी लगती थी। दोनों परिवार इस पर रोक लगा रहे थे। इसलिए हताशा में उसने खुद को खत्म कर लिया।
बहरहाल सच्चाई क्या है, सह पुलिस तफ्तीश के बाद ही मालूम होगा, लेकिन १५ साल की एक लड़की को तो जान देना ही पड़ा। लड़की का पिता रामपाल अपने आरोप पर अडिग है। आगे का काम पुलिस के जिम्मे हैं। कुसुम की आत्मा को शांति तो तभी मिलेगी, जब हत्या के असली जिम्मेदार को सजा मिलेगी।