गो रक्षक संगठनों पर प्रतिबंध की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा राज्यों से जवाब

April 8, 2017 12:47 PM0 commentsViews: 398
Share news

एस. दीक्षित 

000

 लखनऊ। गोरक्षा के नाम पर बने संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और छह राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अलावा जिन राज्यों को नोटिस दी गई है, उनमें गुजरात, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक शामिल हैं. मामले की अगली सुनवाई 3 मई को होगी.

दरअसल, याचिकाकर्ता तहसीन पूनावाला ने राजस्थान के अलवर इलाके में हुई एक घटना का हवाला देते हुए गोरक्षा के नाम पर दलितों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने की मांग की थी, और कहा था कि इस तरह की हिंसा करने वाले संगठनों पर उसी तरह पाबंदी लगाई जाए, जैसी सिमी जैसे संगठनों पर लगी है. मामले की पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन सातों सरकारों से जवाब मांगा था, लेकिन जवाब दाखिल नहीं करने पर शुक्रवार को नोटिस जारी की गई.

याचिका में अलवर की घटना पर राजस्थान सरकार के बड़े अधिकारियों से हलफनामे में रिपोर्ट देने का आदेश देने का भी आग्रह किया गया था, लेकिन कोर्ट ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की.याचिका में कहा गया है कि देश के कुछ राज्यों में गोरक्षा दलों को सरकारी मान्यता मिली हुई है, जिसकी वजह से इनके हौसले बढ़े हुए हैं. याचिका में मांग की गई है कि इस तरह के गोरक्षक दलों की सरकारी मान्यता समाप्त की जाए. याचिका के साथ गोरक्षक दलों द्वारा की गई कथित हिंसा के वीडियो और अख़बार की कटिंग भी लगाई गई हैं और अदालत से इनका संज्ञान लेने का आग्रह किया गया है.

 

Leave a Reply