जननी सुरक्षा योजना के तहत औरतों को छ हजार देने की बात हवा-हवाई
निज़ाम अंसारी
ओ.पी. द्धिवेदी
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर। जननी सुरक्षा योजना के तहत अस्पताल में बच्चों को जनम् देने पर सरकार द्धारा नवप्रसूता महिलाओं को 6 हजार का अनुदान देने की योजना हवा हवाई साबित हो रही है। इसी वजह से स्वास्थ्य विभाग की यह महत्वपूर्ण योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है।
स्थानीय क़स्बा शोहरतगढ़ स्थित सरकारी अस्पाल पर संचालित भारत सरकार की महत्वपूर्ण ‘जननी सुरक्षा योजना’ के अंतर्गत प्रसूता स्त्रियों को 6 हजार रुपये अनुदान नहीं मिलने से आशा बहुओं द्वारा किये जा रहे प्रयास के बावजूद बीस अप्रैल तक क्षेत्र के 54 गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी शोहरतगढ़ स्वस्थ्य केंद्र पर कराई जा चुकी है। जबकि यह तादाद कम से कम पांच गुना होना चाहिए थी। यह घोषणा मोदी सरकार ने महीनों पहले की थी।
इस संबंध में एन आर एच एम् के ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक ओ पी दिवेदी ने बताया की अभी तक जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को 1400 रुपये और शहरी महिलाओं को 1000 रुपये ही देने का प्रावधान है। संवाददाता द्वारा पूछे जाने पर की छ हजार रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने की घोषणा है इस पर उन्होंने बताया की केंद्र सरकार द्वारा प्रसूति महिलाओं को छ हजार का प्रावधान हुआ है, लेकिन अभी तक कोई शासनादेश विभाग द्वारा नहीं प्राप्त हुआ है। |
बताते चलें की सरकार की मंशा है की शत प्रतिशत डिलीवरी सरकारी अस्पतालों पर ही हो, जिससे नवजात बच्चों की मृत्युदर पर लगाम लगाया जा सके। साथ ही साथ डिलीवरी के समय होने वाली मौतों से प्रसूताओं को बचाने के लिए जननी सुरक्षा योजना चल रही है। जिसके अंतर्गत उन्हें पैसों दवाओं के साथ नवजात का जन्म प्रमाण पत्र बनाया जाता है