––– मां की गंभीर बीमारी के कारण आर्थिक संकट से घिरा हुआ था सोनू का परिवार
––– सोनू का एमबीए की पढ़ाई और कोचिंग खर्च उठाने में असमर्थ थे सोनू के पापा
नजीर मलिक
एसपी की प्रेसवार्ता के दौरान मुुंह को ढके हुए सोनू उर्फ सुनील अग्रवाल
सिद्धार्थनगर। जिला मुख्यालय स्थित बीजेपी नेता प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव के घर नकली टाइम बम रख कर फिरौती मांगने वाला एक मेधावी छात्र निकला, जिसे हालात ने इतने बड़े अपराध की साजिश रचने का दुस्साहसी बना दिया। पकड़े गये छात्र सोनू अग्रावल की कोई क्राइम हिस्ट्री नहीं है। यह उसकी पहला अपराध है। वह अच्छे छात्रों में शुमार किया जाता था। वह पढ़ने में अव्वल था। उसकी कहानी एक तरफ मध्यमवर्गीय परिवारों की दिक्कतों का यहसास दिलाती है, वहीं युवाओं को अपराध की डगर पर न जाने का संदेश भी देती है।
प्रेम प्रकाश का वह भव्य आवास, जहां सोनू ने टाइम बम रखा था।
पढ़ाई में बहुत तेज था सोनू
21 साल का सोनू उर्फ सुनील अग्रवाल जिले के बढ़नी कस्बा निवासी बाबूराम अग्रवाल का पुत्र था। बाबूराम इस समय परिवार के साथ पंजाब में रहते हैं और आटो पार्ट की छोटी मोटी दुकान चलाते हैं। उनका बेटा सोनू पढ़ाई में बहुत तेज था। उसे वहीं रह कर 85 प्रतिशत नम्बर के साथ इंटर पास किया था और आगे एमबीए की पढ़ाई करना चाहता था।
उधर बाबूराम की आर्थिक हालात खराब थी। एक तो उनकी आमदनी वैसे ही कम थी, ऊपर से पत्नी की गंभीर बीमारी के चलते वह बहुत कर्जदार हो चुके थे। ऐसे में पंजाब में बेटे के लिए एमबीए की मंहगी शिक्षा और कोचिंग करा पाना उसके बस की बता नही थी। इसलिए उन्होंने सोनू से इतनी महंगी पढ़ाई का खर्च उठा पाने से इंकार कर दिया। सोनू भी बाप की विवशता पर मनमसोस कर रह गया।
मजबूरी में लौटा पुश्तैनी कस्बा बढ़नी
अतं में सोच विचार के बाद सोनू वापस पुश्तैनी घर बढ़नी चला आया और जिला मुख्यालय के कांसीराम आवास में किराये का कमरा लेकर यहां कम्प्यूटर कोर्स करने लगा। नोटबंदी के दौरान जब सब नकदी के लिए परेशान थे, उसी दौरान उसने शहर के सिविल लाइन मोहल्ले में भाजपा नेता प्रेम प्रकाश का भव्य मकान बनता देखा तो उसके मन में विचार आया कि अगर यह आदमी नोटबंदी के दौर में इतना भव्य मकान बनवा रहा है तो इस आदमी के बाद जरूर बेशुमार दौलत होगी। बस यहीं से उसके मस्तिष्क में कीड़े कुलबलाने लगे।
और जीवन के पहले अपराध का प्लान बनाने लगा सोनू
बकौल सोनू अग्रवाल शाम को उसे नींद नही आई। उसने सोचा की अगर इस आदमी को ब्लैकमेल किया जाये तो इतने पैसे मिल जायेंगे, जिससे उसके परिवार का कर्ज भी उतर जायेगर साथ ही वह एमबीए का कोर्स भी पूरा कर लेगा। लिहाजा उसने प्रेम प्रकाश के घर फिरौती के लिए धमकी भरा दो पत्र भेजा। लेकिन प्रेम प्रकाश ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
बकौल सोनू आखिर में उसने इंटरनेट पर टाइम बम बनाने की विधि के बारे में जाना और उसी के आधार पर नकली बम बनाया और उसे अंगोछे में लेपेट कर एक पत्र के साथ प्रेम प्रकाश के घर रख आया। इसके बाद प्रेम प्रकाश ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने बम से बचाव के लिए बम निरोधक दस्ते को भी बुलाया।
सोनू द्धारा रखा गया नकली बम जिसे डिफ्यूज करने के लिए बम निरोधक दस्तर आया
अखिर में पुलिस ने दबोच ही लिया
प्रेम प्रकाश के घर टाइम बम को पुलिस ने चनौती के रूप में लिया। भले ही वह टाम बल नकली लिकला, लेकिन सुराग लगाना जरूर भा। जांच के दौरान वह प्रेम प्रकाश को आये फोन काल को सर्विलांस पर लेकर कांसीराम आवास पहुंची और सोनू को दबोच लिया। पकड़े जाने के बाद सोनू ने बिना हीलाहवाली के सच स्वीकर करते हुए सब कुछ बता दिया।
बता दें कि गुरूवार को प्रेम प्रकाश के घर रखे जाने की सूचना पर पूरा शहर दहशत में आ गया था। यह और बात है कि सिद्धार्थनगर पुलिस ने शनिवार को सच्चाई का पता लगा लिया। फिलहाल सोनू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
सोचिए तो जरा
आज हर स्कूली युवा को अच्छे कपड़े पहन कर अच्छी पढ़ाई करना अच्छा लगता है। मगर अक्सर मध्यमवर्गीय परिवार के आर्थिक हालात इसकी इजाजत नहीं देते। इससे कई प्रतिभाएं समय से पहले मुरझा जाती हैं। कुछ प्रतिभाएं कुंठित हा जाती हैं। कुछ खुद से लड़ पाने में कमजोर होकर भटक जाती हैं।
हमारी शिक्षा व्यवस्था में गरीब और मध्यम परिवारों के लिए बेहतर शिक्षा के रास्ते उलझते जा रहे हैं। इसलि अक्सर मेधावी छात्र भट कर इपराध की डगर की ओर मुड़ जाते हैं, हालांकि वे मानसिक रूप से अपराधी नहीं होते। सोनू भी ऐसा ही भटका हुआ नौजवान था। कानून तो उसे सजा दे देगा, लेकिन सिस्टम ऐसे ही चलता रहेगा। बिना किसी बदलाव के।