सपा नेता चिनकू यादव पर मुकदमा, आखिर सात माह बाद क्यों जागा प्रशासन
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज से प्रत्याशी रहे सपा नेता राम कुमार यादव उर्फ चिनकू यादव तथा उनके भाई दीनेन्द्र यादव पर मुकदमा दर्ज करने का मामला सुर्खियों में है। सात महीने पूर्व की एक घटना को आधार बना कर वन विभाग ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। सवाल है कि यदि चिनकू यादव ने कोई अपराध किया तो वन विभाग सात माह तक कहां सोता रहा, यह सवाल भी काबिले गौर है। जानकार इसे राजनीतिक उत्पीड़न की संज्ञा दे रहे हैं।
चिकनू यादव पर कल वन विभाग की तहरीर पर डुमरियागंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर आरोप है कि सात माह पूर्व उन्होंने अपने गांव कैथवलिया में गेट बनवाते समय चार हरे पेड़ों को काट डाला और लकड़ी भी उठा ले गये। उस समय यह बात किसी को पता न चली।
सवाल है कि उक्त पेड़ चिनकू यादव और उनके भाई ने काटा था, इसके सबूत नहीं हैं और अगर काटा भी था सात माह पहले वन विभाग क्या कर रहा था। इस बारे में डीएफओ का कहना है कि तब मामला संज्ञान में नहीं आ पाया था। अब आया है तो कार्रवाई की गई।
अब डीएफओ को ही नहीं मालूम कि वन दारोगा अपने क्षेत्र के एक एक पेड़ की जानकारी रखते हैं। उस समय क्यों खामोश रहे, अगर क्षेत्रीय वनकर्मी उस समय उदासीन रहे तो वन विभाग ने ताजा जानकारी के आधार पर जिम्मेदार वन कर्मी के विरुद्ध कार्रवाई क्यों नहीं की। जानकारी बताते हैं कि एक व्यक्ति की शिकायत पर सारा खेल रचा गया। बकौल सपा नेता कलाम अहमद, इस राज में समाजवादी होना ही गुनाह हो गया है।