सिद्धार्थनगर का ‘हंसुड़ी’ बना देश का हाई टेक गांव, हर जगह बिजली, पानी, कैमरा, इंटरनेट उपलब्ध
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। कुछ दिन पहले खबर आई थी कि उत्तर प्रदेश का गोंडा शहर देश में सबसे गंदा है, लेकिन अब इस राज्य का एक गांव हसुड़ी मिसाल बन गया है। दरअसल सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज क्षेत्र का यह गांव देश का पहला जिओग्रफिकल इन्फर्मेशन वाला गांव है। यानी गांव के एक-एक मकान और उसके लोगों का डेटा वेबसाइट पर उपलब्ध है।
इस गांव में जनता की मौलिक सुविधाएं तो हैं ही, गांव का पूरा मैप अलग से तैयार करवाया गया है। नेपाल बॉर्डर से लगे इस गांव का अपना डिजिटो मैप एवं वेबसाइट है। गांव के तालाब, गोचर भूमि, कृषियोग्य जमीन, नहर, सड़कें एवं घर किसका है जैसी सभी जानकारी सिर्फ एक लिंक से प्राप्त की जा सकती है। अब हर परिवार का डेटा फीड किया जा रहा है, जो एक क्लिक पर उपलब्ध होगा। खास बात यह है कि इस गांव को यह सब करने की प्रेरणा गुजरात के ही गांव पुंसरी ने मिली है। हालांकि अब यह गांव पुंसरी से भी हाईटेक हो चुका है।
अहमदाबाद की एक कंपनी डेटाफीड करने का काम कर रही है। हसुड़ी गांव की जनसंख्या 1024 है। यहां 221 परिवार रहते हैं। सरपंच हैं दिलीप त्रिपाठी। वह बताते हैं कि- पंचायती राज पर दिल्ली में हुए वर्कशॉप में पुंसरी-बनासकांठा-गुजरात की डॉक्यूमेंट्री देखी थी। तभी ठान लिया था कि- मेरे गांव का विकास पुंसरी की तर्ज पर क्यों नहीं हो सकता। पुंसरी के विकास से मुझे इस राह चलने की प्रेरणा मिली। दिल में ख्याल उठा कि- जब पुंसरी देश का मॉडल विलेज बन सकता है तो मेरा हसुड़ी क्यों नहीं? बस प्रयास शुरू हो गए। प्रयास अब यह है कि गांव एक भी सुविधा से वंचित न रहे।
दिलीप बताते हैं कि पुंसरी गांव के बारे में जानने के बाद मैं वहां गया। वहां के तत्कालीन सरपंच हिमांशु पटेल से मिलकर अपना उद्देश्य बताया, मार्गदर्शन लिया। पुंसरी के विकास में योगदान देने वाली कंपनी की सेवाएं लीं। गांव का रि-डेवलपमेंट प्लान तैयार करवाया। इसी के आधार पर आज गांव में 23 जगह सीसीटीवी कैमरे, सात जगहों पर वाइफाई हॉटस्पॉट, पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम के तहत 23 जगह स्पीकर लगे हैं। पब्लिक एड्रेस सिस्टम की विशेषता यह है कि- सरपंच गांव में हो अथवा और कहीं भी, इंटरनेट के माध्यम से सीधे ग्रामीणों के साथ बातचीत कर सकते हैं।