बढ़नी ब्लाक प्रमुख चुनाव: हारकर भी जीत गयी बिफई देवी, प्रशासन पर लगा सवालिया निशान
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर । सोमवार को बढ़नी विकास खण्ड परिसर में ब्लाक प्रमुख बिफई देवी के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव के दौरान शासन सत्ता के दबाव में प्रशासन ने जिस प्रकार गिरगिट की तरह रंग बदला और कोरम के अभाव में भी अविश्वास प्रस्ताव स्वीकृत करवा दिया। उससे केवल राजनीतिक हल्को में ही नहीं नागरिको के बीच भी कई सवाल आज भी तैर रहे है। लोगों का मानना है कि सत्ता के दबाव में प्रशासन ने जिस प्रकार बिफई देवी को पद से बेदखल किया उससे न केवल लोकतंत्र की हत्या हुई बल्कि बिफई देवी हारकर भी लोगों के दिल को जीत गयी।
मालूम हो कि सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होने के लिए विकास खण्ड परिसर में एक एक करके 36 क्षेत्र पंचायत सदस्यो की उपस्थिति हुई। उपस्थिति की तय सीमा पूर्वान्ह 11 से अपरान्ह 12 बजे का समय बीतने के बाद उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ जो कि इस समूची प्रक्रिया के निर्वाचन अधिकारी थे। उन्होने कोरम न पूरा होने की बात कहकर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
यह बात सत्ता पक्ष के लोगों को नही पची, और उन्होने समय सीमा समाप्त होने के बाद एसडीएम पर दबाव बनाया और एक क्षेत्र पंचायत सदस्य को बुलाकर कार्यवाही को दोबारा शुरू करवा दिया। प्रशासन के इस गलत रवैये के खिलाफ जब बिफई देवी के प्रतिनिधि प्रदीप पथरकट्ट ने एतराज जताया तो उनकी बात नही सुनी गयी, और दोबारा अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकृत कर लिया गया।
मौके पर मौजूद राज्यसभा सांसद आलोक तिवारी, पूर्व विधायक लालजी यादव, महिला आयोग की पूर्व सदस्य जुबैदा चैधरी, एवं ब्लाक प्रमुख बिफई देवी के प्रतिनिधि प्रदीप पथरकट्ट ने कहा हेै कि एसडीएम की चालबाजी से बिफई देवी को पद से बेदखल किया गया है। यह लोकतंत्र के लिए कलंक है।