घूघंट से बाहर निकल 400 से ज्यादा महिला सभालेंगी पंचायतों की बागडोर
एम सोनू फारूक
शासन की नई गाइड लाइन के अनुसार आरक्षण व्यवस्था में सिद्धार्थनगर में 403 सीटें जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछडा वर्ग व अन्य वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित कर दी गईं है। लिहाजा घर की चौखट लांघकर आधी आबादी गांव के विकास का नेतृत्व करती नजर आएगी अन्य सीटों पर भी उन्हें कामयाबी मिल सकती हैं, जहां वह पुरुषों के साथ चुनाव लडेंगी।
आरक्षण के मुताबिक 1199 ग्राम पंचातयें में अनुसूचित जनजाति के हिस्से में 11 सीट मिली है। इसमें से 5 महिलाओं को लिए आरक्षित कर दिया गया है। अनुसूचित जाति के लिए 196 सीटों में 70 महिला, पिछड़ा वर्ग के लिए 323 में 111 पर महिला व 217 ग्राम पंचायत अन्य वर्ग की महिलाओं को आरक्षण में पंचायत चुनाव 2015 में हिस्सेदारी मिली है।
सदर विकास खंड में 59 में 20 सीटों पर, उस्का बाजार विकास खंड 52-18, लोटन विकास खंड 54-18, बर्डपुर विकास खंड 37-13, जोगिया के 72-24, बांसी 84-28, मिठवल विकास खंड में 121-47, खेसरहा विकास खंड में 99-33, डुमरियागंज विकास खंड में 135-45, भनवापुर विकास खंड 122-41, इटवा विकास खंड 101-34, खुनियांव विकास खंड 117-39, बढ़नी विकास खंड में 77-26 तथा शोहरतगढ़ विकास खंड जहां पर महिला विधायक लाल मुन्नी ¨सह है। इनके क्षेत्र में भी 69 ग्राम पंचायतों में 23 ग्राम पंचायतों में महिला प्रधान निर्वाचित होगी।
जिनके हाथ में ग्राम पंचायतों की सत्ता की चाभी होगी। चुनाव जीतने के बाद गांवों के चौमुखी विकास की खाका तैयार कर उसे अंजाम तक पहुंचाएंगी। इसके अलावा पंचायत चुनाव में अन्य सीटों पर भी मजबूती के साथ चुनाव लड़ सकेंगी जो उनके लिए आरक्षित नहीं है। आधी आबादी के लिए शुभ संकेत है। बशर्ते वह घूंघट की आड़ से बाहर निकलकर पुरुषों के बराबर खड़ी हो। क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत की बैठक में अधिकांश बार यह भी देखने को मिला है।
सदस्य राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश जुबैदा चौधरी ने कहा कि सपा मुखिया मुलायम ¨सह यादव ने सूबे में पहली पर 1995 चुनाव पंचायती राज्य व्यवस्था में आरक्षण लागू कराकर हर वर्ग को सत्ता की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया था। उसमें महिलाओं को अगल से भागीदारी सुनिश्चित करायी थी जो आज तक लागू है और उसका लाभ सभी को मिल रहा है। शासन के आरक्षण के गाइड लाइन के पुष्टि पंचायत राज अधिकारी एसके पांडेय ने की है।