सीएम के आगमन से परेशान रहे स्कूली बच्चे, राहगीरों और बीमारों को भी भुगतना पड़ गया
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। आम तौर से जब कोई मुख्यमंत्री कहीं दौरे पर जाता है तो उस क्षेत्र विशेष के नागरिकों में बहुत उत्साह होता है। और कोई सीएम जब अपने पड़ीसी जनपद में सीएम के रूप में जाये तो यह उत्साह में और भी उछाल आ जाता है। मगर सिद्धार्थनगर में योगी के साथ ऐसा नहीं हुआ। प्रशासन के फैसलों से लोग उनके बारे में नकारात्मक चर्चा में ही मशगूल रहे।
दरअसल प्रशासन ने यागी के आगमन पर जिलेा मुख्यालय पर वाहनों का प्रवेश रोक कर तथा रुट बदल कर जिलेवासियों का उत्साह ठंडा कर दिया। इस फैसले का नतीजा यह रहा कि तमाम बच्चे स्कूल नहीं जा पाये। अशोक मार्ग सील होने से मरीज अस्पताल नहीं जा पाये। जो मरीज वहां भरती थे, उनके तीमारदार बाहर की दवाएं नहीं खरीद पाये। उनका कई टेस्ट नहीं हो सका।
इसके अलवा बस्ती की तरफ से आने वाली बसों को बांसी स डाइवर्ट करने का नतीजा यह हुआ कि बस्ती की तरफ से सिद्धार्थनगर आने वाले यात्रियों को इटवा, बढनी, चिल्हिया बर्डपुर होकर जिला मुख्यालय पहुंचना पडा और उन्हें सौ किमी तक अतिरिक्त सफर करना पड़ गया। लोटन में महाराजगंज जिले से आने वाले वाहनों को रोक दिया गया। इसी प्रकार गोरखपुर से आने वाली बसों को पकड़ी चौराहे पर ही रोक दिया गया।
समाजवादी पार्टी के चिंतक मणेन्द्र मिश्र कहते हैं कि तमाम मुख्यमंत्री जिले में आये, मगर ऐसा कभी नहीं देखा गया कि प्रशासन ने जिला मुख्यालय सील कर दिया हो। उनका कहना था कि मुख्यमंत्री का कोई सार्वजनिक कार्यक्रम भी नहीं था कि ट्रफिक नियंत्रण की दिक्कत हो। वो सिर्फ समीक्षा के लिए आये थे। ऐसे में जनता के प्रति प्रशासन का यह नजरिया साबित करता है कि वर्तमान शासन आम आदमी के प्रति संवेदनशील नहीं है।