परसोहन बांध भी टूटा’ इटवा-बढ़नी मार्ग बंद, सिद्धार्थनगर शहर में पानी घुसा, दर्जनों सड़कें डूबीं, पांच सौ गाँव पानी से घिरे
—डीएम एसपी बाढ़ग्रस्त इलाकों का स्टीमर कर रहे दौरा, मगर नहीं कर पा रहे जनता से सम्पर्क
— राजस्वकर्मी गावों से नदारद, न कहीं शरणालय न भोजन का इंतजाम, गांवों में भूख से बिलख रहे बच्चे
—गदाखौवां गांव में चार लोग पानी में फंसे, बचाने वाला कोई नहीं, हर तरफ मदद के लिए गुहार जारी
नज़ीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सैलाब की भयानकता के चलते हालत बिगड़ चुकी है। इटवा इलाके में दलपतपुर परसोन बांध आज टूट गया। जिससे इटवा क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में तबाही मच गई है। इसके अलावा सिद्धार्थनगर ज़िला मुख्यालय में पानी घुस गया है। इसके अलावा जिले की दो दर्जन सड़कें पानी में डूब गईं हैं, जिससे अवागमन बंद हो गया है। तक़रीबन 500 गाँव पानी से घिरे हुए हैं। सदर और शोहरतगढ तहसीलों में जल प्रलय की हालत बन गयी है। इन गावों के लोग राहत और बचाव के लिए मदद के इंतजार में बैठे हैं। गदाखौवां गांव में चार लोग पानी में फंसे हुए हैं।
जानकारी के मुताबिक शहर के बीच से बहने वाली नदी इस वक्त खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है। जिसकी वजह से बीती रात शहर में पानी घुसने लगा। सुबह तक बंसी तिराहे के पेट्रोल पम्प में पानी घुस गया। मुख्यालय के अनूपनगर, पिठनी व भीमापार इलाके को सैलाब ने घेर लिया है। शहर की रेल पटरी भी डूबने के कगार पर है। हर तरफ अफरा तफरी का माहौल है। यहां सेंट जेवियर स्कूल के पीछे सड़क पर पानी चल रहा है। गोरखपुरी मोहल्ला पानी से घिरा हुआ है।
सदर तहसील के डूब रहे सैकड़ों गाँव
ज़िले की कूड़ा, बूढी राप्ती, बांगगंगा, चरगहवा, घोरही आदि नदियों के खतरा बिंदु पार कर जाने से ज़िले के पांच सौ गाँव पानी से घिर गए हैं। सदर यानी नौगढ़ तहसील के खालेगांव, केवटलिया, नेबुयिया, सहिला, चनरैया, ताल नटवा, रीवां, अमरिया, फुलवारिया, बलुहा, परसौना, बांगरा, पनियहवा, मारुखर, बागहिया आदि डेढ़ सौ गाँव पानी में घिरे हैं। इनमें से नटवा, बागहिया, बलुहा और केवटलिया आदि एक दर्जन गावो की हालत गंभीर ही गयी है। कटहा गांव में वर्तमान में चार फुट पानी घुसा हुआ है।
शोहरतगढ़ की हालत भयानक
शोहरतगढ़ तहसील में बानगंगा, घोरही, बूढी राप्ती आदि नदियों ने क़यामत बरपा कर रखा है। यहाँ अमहवा, नदवलिया, बैदौली, मझवां, मेचूका, पिपरहवा, संसरी फरुआ, जमधारा, भुतहवा,मटियार, भुताहिया, ब्रैनिया, खैरी आदि दो सौ गाँवों की हालत खराब है। सबसे बुरी हालत भुतहवा की है। ये गांव पिछले 5 दिनों से पानी से घिरा हुआ है, लेकिन अभी तक वहां राहत नहीं पहुंची है। गाओं में बच्चे भूख से बिलबिला रहे है। जोगिया कोतवाली में पानी घुस जाने से वहां अफरा तफरी मच गई है। सहायता करने वाले पुलिस के जवान खुद संकट में फंसे हुए हैं।
इसके अलावा बांसी, डुमरियागंज और इटवा तहसीलों में भी बाढ़ का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। बांसी में भुआरीए भुजराईए बभनी खतरे की ज़द में हैं। भगौतापुर गाँव पानी से चारो तरफ से घिरा हुआ है। बांसी में लगभग 70 गाँव की हालत बुरी है। इटावा में 50 गाँव प्रभावित हैं। डुमरियागजं में भी हालात तेज़ी से ख़राब हो रहे हैं।
आज सुबह इटवा तहसील के दलपतपुर परसोहन बांध के टूट जाने से इटवा के उत्तरी इलाके में तबाही मच गई है। बूढ़ी राप्ती नदी पर बने इस बांध के टूट जाने से इटवा- बढ़नी मार्ग पर झकहिया गांव के पास सड़क पर चार फुट पानी चल रहा है। इससे झकहिया,सेमरी, गदाखौवां, पचपेड़वा आदि दो दर्जन नये गांव पानी से घिर रहे हैं। खबर है कि गदाखौवां गांव में चार लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। उन्हें बचाने वाला कोई नहीं है। प्रशासन असहाय है। प्रशासन द्धारा समय पूर्व तैयारी न करने का खामियाजा गांव वालों को भुगतना पड़ रहा है।
कौन कौन मार्ग हैं बंद
सैलाब के चलते जिले में लगभग दो दर्जन सड़कों पर पानी चढ़ गया है। मिली जानकारी के अनुसार सिद्धार्थनगर-बस्ती मार्ग पर जोगिया के पास सड़क पर लगभग एक किमी के हिससे में पानी चढ़ गया है। जिसके कारण बस्ती मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। जिला मुख्यालय से नेपाल बॉर्डर जाने वाली एनएच रोड भी बांसी तिराहे पर पानी चढ़ जाने से बंद हो गई है।इसके अलावा तेतरी-सोहांस, उस्का-सोहांस, पकड़ी-चोरई, मधवापु-तिघरा मार्ग भी पूरी तरह से बंद हो गया है। पकड़ी से चोरई जाने वाली सड़क पर लगभग चार फुट पानी बह रहा है। खजूरडाड़ पुल का एप्रोच बह जाने से उस इलाके का भी आवागमन ठप हो गया है। नौगढ़दृ मोहाना वाया करीमपुर मार्ग तीन दिन पहले हो बंद हो चुका है।
राहत बचाव कार्य का पता नहीं
एक तरफ जिले के लगभग 5 सौ गांव पानी से धिरे हुए हैं। दूसरी तरफ राहत बचाव का कहीं पता नहीं है। प्रशासन न ही नावों की व्यवस्था कर पा रहा है न ही भूख से बिलखते लोगों को कुछ मदद कर पा रहा है। हालांकि जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू का कहना है कि राहत बचाव के आदेश दे दिये गयेहैं, मगर राहत देने वाली राजस्व टीम का पता नहीं है।नाव के बिना बचाव कैसे होगा, यह समझ से परे है। जिलाधिकारी कुणाल सिल्कू और एसपी खुद बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा ले रहे हैं, मगर सच यह है कि किसी को मदद नहीं मिल पा रही है।
5:50 PM
malik ji kotiya degar aur belbhariya gao bhi baadh ki buri trah se chapet me hai
usko bhi apni khabr me lijiye apki khbar se gao walo ka kuch bhala ho jayega