26 गायों की मौत का मामलाः मंत्री चेतन चौहान ने बोला झूठ, कहा– वह गाय नहीं जंगली जानवर थे
––– मंत्री जी खैरी गांव में गये ही नहीं, अफसरों के चक्कर में फंस कर झूठ बोल कर दिया संवेदनहीनता का परिचय
––– अगर मरने वाले जानवार जंगली थे तो उस गांव में बचाव के लिए क्यों भेजी गई डाक्टरों की टीमः उग्रसेन सिंह
नजीर मलिक
फाइल फोटो
सिद्धार्थनगर। दवा के अभाव में सिद्धार्थनगर के खैरी शीतल गांव में मरी 26 गायों के प्रकरण में सूबे के खेल मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री चेतन चौहान ने यह कह कर चौंका दिया है कि कि मरने वाली गायें किसानों की नहीं जंगली थीं और दूसरे क्षेत्रों से बह कर आयीं थीं। गौसेवक मुख्यमंत्री के एक मंत्री के इस बयान को संवेदनहीन और खुले झूठ की संज्ञा दी जा रही है।
पूर्व क्रिकेटर और अब सूबे के मंत्री बाढ़ का जायजा लेने बुधवार को सिद्धार्थनगर आये थे। उन्होंने डुमरियागंज में पत्रकारों से बातचीत में जानकारी दिया की खैरी गांव में मृत जानवर गाय नहीं जंगली पशु थे और बाढ़ में बहकर कहीं से आ गये थे। इसके बाद मंत्री ने भी यह भी कहा कि फिर भी खैरी गांव में डाक्टरों की टीम लगा दी गई है। सपा नेता उग्रसेन सिंह कहते हैं कि जब वहां कोई बीमारी ही नहीं है तो मंत्री जी ने डाक्टरों की टीम क्यों लगाया? उग्रसेन सिंह ने कहा कि मंत्री जी गांव में भी नहीं गये। फिर किस आधार पर वे मरी हुई गायों का जंगली पशु बता रहे हैं?
मंत्री के इस बयान से जिले के लोग हतप्रभ हैं। उन्हें पता है कि मंत्री चेतन चौहान गलत बयानी कर रहे हैं। गाँव के नन्दलाल, भदई, राजकुमार, बिरजे अदि बताते हैं कि मरी हुई गायें उनकी अपनी थीं। उन लोगों ने गांव में बीमारी फैलने की सूचना प्रशासन को दी थी। यदि समय से मदद मिलती तो उनके पशु न मरते। उन्होंने बताया कि गाँव में अभी भी दर्जनों गाय बीमार है। अब डॉक्टरों की टीम पहुंची है, मगर अब तो बहुत देर हो चुकी है।
खिलाड़ी अविनाश कुमार कहते हैं कि चेतन चौहान जी एक अच्छे क्रिकेटर रहे, लेकिन राजनीति में एनकी गत बयानी हैरान करने वाली है। वो जिले के प्रभारी मंत्री है। उनका आकसत्व था कि वे उस गांव में जाकर सच का पता करते। लेकिन प्रशासन ने उन्हें एक ढेठ पढा दिया, जिसे उन्होंने पत्रकारों के सामने दोहरा दिया। यह बहुत दुखद आचरण है।
बताते चलें कि 28 अगस्त को जिले की शोहरतगढ़ तहसील के ग्राम खैरी शीतल में दवा और चारे के अभाव 26 गायें मौत का शिकार बन गईं थी। यह वही बाढ़ ग्रस्त गांव है, जहां का दौरा गौसेवक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद किया था और किसी प्रकार की भी लपरवाही पाये जाने पर दंड देने का एलान किया था। बावजूद इसके उन्हीं की कैबिनेट के मंत्री चेतन चौहान झूठ बोल कर लापरवाह अफसरों को बचाने की कवायद में लगे हैं।