नेपालः अरशद के राजपा छोड़ने से तराई में एमाले की ताकत बढ़ी, मधेश दलों को भी लग सकता है झटका

September 27, 2017 3:49 PM0 commentsViews: 376
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सग़ीर ए खकसार

सिद्धार्थनगर। पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल में विधान सभा और लोक सभा के चुनाव  नवम्बर के आखिरी हफ्ते और दिसम्बर के पहले हफ्ते में होने की संभावना है।फिलवक्त नेपाल में नए नए राजनैतिक समीकरण उभर रहे हैं।विभिन्न विभिन्न सियासी दलों के नेता नए राजनैतिक परिदृश्य के हिसाब से अपना अपना राजनैतिक भविष्य साधने में अभी से जुट गए हैं।

सदभावना पार्टी से लोकसभा सदस्य के कपिलवस्तु से उम्मीदवार रहे और राजपा के राष्ट्रीय सह महासचिव मिर्ज़ा अरशद बेग ने राजपा को अलविदा कह दिया है।उन्होंने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले)का दामन थाम लिया है। श्री मिर्ज़ा सोमवार को पार्टी के काठमाण्डू स्थित मुख्यालय पर नेकपा एमाले के शीर्ष नेताओं नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली,पूर्व प्रधानमंत्री झल नाथ खनाल,पूर्व प्रधानमंत्री माधव नेपाल, पूर्व उप प्रधानमंत्री वाम देव गौतम,पूर्व रक्षा मंत्री भीम रावल के अलावा कई बड़े पार्टी नेताओं की मौजूदगी में नेकपा एमाले में शामिल हो गए।

अरशद का जाना बड़ी घटना

मिर्ज़ा अरशद के एमाले में शामिल होने से मधेशीवादी राजनीति को तराई में एक बड़े सियासी घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है।।वे युवा हैं।ऊर्जावान हैं और साधनसम्पन्न भी।मधेश में वे एक मुस्लिम युवा चेहरे के रूप में भी अपनी पहचान रखते हैं।मुस्लिम समुदाय से जुड़ी समस्याओं को लेकर भी संघर्षशील रहे हैं।नेपाल में हाजियों के सम्मान की लड़ाई भी उन्होंने ज़ोरदार ढंग से लड़ी है।पार्टी में शामिल होने के बाद मिर्ज़ा ने इस संवाददाता को दूरभाष पर बताया कि नेकपा एमाले सभी समुदायों अपलसंख्यको, दलितों, हिमालयी और पहाड़ी आदि को एक साथ लेकर चलने वाली पार्टी है।

मधेशी दल से कुछ और जा सकते हैं बाहर

अभी कपिलवस्तु ज़िले में कई बड़े मधेशवादी नेताओं के नेपाली कांग्रेस,नेकपा एमाले,और माओवादी केंद्र में जानें कि अटकलें लागई जा रही हैं।राजनैतिक प्रेक्षकों का मानना है कि अभी मधेशवादी दलों को और भी झटके लगेंगे। बहरहाल ,जो भी फिलवक्त मिर्ज़ा अरशद बेग के नेकपा एमाले में जाने से इधर मधेस में नए नए तरह के सियासी समीकरण बनेंगें।इससे कत्तई इनकार नहीं किया जासकता। मिर्ज़ा अरशद बेग के नेकपा एमाले में जाने पर मुश्ताक अहमद खान, पुशकल पंत, साजिद अली, लक्षमण भुसाल, इश्तियाक अहमद खान, हनुमान यादव, रक़ीब अहमद, फारूक खान, अशोक गुप्ता, चेत्र अधिकारी, माधव पोखरेल, कृष्ण पौडेल सहित अन्य कई बड़े नेताओं ने उन्हें बधाई दी है।

 

 

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