मुहर्रम: शोहरतगढ़ में उपद्रव की साज़िश नाकाम, लाठी चार्ज के बाद दफनाए गये ताज़िये
निज़ाम अंसारी
सिद्धार्थनगर। ज़िले के सबसे संवेदनशील उपनगर शोहरतगढ़ में मुहर्रम पर एक बार फिर अवांछनीय तत्वों ने साम्प्रदायिक हरकत की साज़िश की, जिसके बदले पुलिस ने लाठी चार्ज किया। अवांछनीय तत्वों को पीट कर खदेड़ने के बाद आराम से ताजिये दफनाने का रास्ता साफ़ किया। नए पुलिस कप्तान की नई व्यवस्था से उपद्रवी तत्व यक़ीनन डर गए हैं।
बताया जाता है कि मुहर्रम का जुलूस लगभग 4 बजे जैसे ही राम जानकी मंदिर के पास पहुचा, पूर्व के समझौते के मुताबिक ढोल नगाड़े बंद हो गए। जुलूस शांतिपूर्वक प्रतिबन्धित क्षेत्र पार करने लगा। इसी दौरान ताजिया के जुलूस से बाहर खड़े एक समूह ने नारेबाजी शुरू कर दी। ताज़ियादारों की तरफ से कुछ प्रतिक्रिया होती, इससे पूर्व ही पुलिस ने उस समूह पर लाठियां बरसानी शुरू कर दिया। इसमें करे लोग चोटिल हगे और भगदड़ से माहौल में आतंक व्याप्त हो गया।
बताते चले कि उपनगर शोहरतगढ़ साम्प्रदायिक नज़रिये से बेहद संवेदनशील है। यहां पर्वों पर तनाव और आगजनी आम है। दो वर्ष पहले के दंगे में यहां भारी नुकसान हुआ था। इस बार पुलिस प्रशंसा की पात्र रही कि उसने किसी साजिश को सफल नही होने दिया।
इस दौरान पुलिस कप्तान डॉ धर्मवीर सिंह, तहसीलदार संतोष कुमार ओझा, थानाध्यक्ष शमशेर बहादुर सिंह, एसआई जुबेर अली व रामकवल के अलावा सपा नेता वीरेंद्र तिवारी, बसपा नेता जमील सिद्दीकी, नवाब खान, अकबाल अहमद अंसारी, मो०इद्रीस, बबलू खान, मो० अफसर अंसारी, हाफिज एजाज अंसारी, मो०समी, असगर, कल्लू, अहमद हुसेन समेत भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। जुलूस में अखाड़े का संचालन उस्ताद इन्सान अली ने किया।