exclusive- आतंकी फरहान के पुश्तैनी घर की तलाश में हलकान है सिद्धार्थनगर का पुलिस और खुफिया विभाग
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। मुरादाबाद में पकड़े गए लश्कर का कथित मोहरा और गोधरा कांड का आरोपी फरहान अहमद सिद्धार्थनगर जिले किे शोहरतगढ़ टाउन का रहने वाला है, मगर वह शोहरतगढ में कहां रहता था और उसके परिजन कहा रह रहे हैं, यह किसी को पता नहीं है। उसके स्थाई निवास की तलाश में पुलिस और खुफिया एजेंसियां हलकान हैं, लेकिन फरहान के पुश्तैनी मकान और उसके परिजनों के बारे में कोई पता नहीं चल पा रहा है।
कौन है फरहान अहमद?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक 42 वर्षीय फरहान ने 2003 में अपनी गिरफ्तारी के बाद अपना पता शोहरतगढ़ बताया थ। स्थानीय एलआईयू आफिस में उसकी एक फाइल भी तैयार की गई थी, लेकिन वर्तमान में उस फाइल का पता नहीं है। शोहरतगढ़ पुलिस भी कस्बे में फरहान अहमद पु़त्र मुश्ताक के आधार पर मश्ताक के घर की तलाश में है, लेकिन इस छोटे से कस्बे में उसकी पता लगा पाने में असफल है।
… तो कहां है फरहान के परिजन?
फरहान सिद्धार्थनगर ज़िले के शोहरतगढ़ उपनगर के नीवी दोहनी कस्बे के रहने वाला है, ऐसा यहां चर्चा यहां है, मगर वह यदि नीवी दोहनी या गड़ाकुल का रहने वाला है तो उसके पिता शौकत अली कहां है? उसके अन्य परिजन अगर हैं तो वह वर्तमान में कहा हैं? उनका पुश्तैनी घर घ्र कहां है, पुलिस के पास इस सवाल का जवाब नहीं है।
12 साल पहले बनी थी फरहान की फाइल
फरहान की हालिया गिरफ्तारी के बाद खुफिया इकाई ने भी पुराने रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं। यहां पूर्व में तैनात रह चुके खुफिया विंग के एक अफसर की मानें तो गोधरा कांड के बाद फरहान से जुड़ी फाइल वर्ष 2003-04 में तैयार हुई थी। तब उसकी लोकेशन शोहरतगढ़ कस्बे में ही मिली थी। उनके बाद तबादला होने के बाद से उन्हें इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है।
मुरादाबाद में पकड़ा गया है फरहान
बता दें कि फरहान को गत गुरुवार को पुलिस टीम ने मुरादाबाद के मुगलपुरा से गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से नकली पासर्पोट व अन्य कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये गये है। फरहान को फ़र्ज़ी पासपोर्ट व आतंकी गतिविधियों के आरोप में पोटा के तहत पहली बार 2003 में गिरफ्तार किया गया था। उसके गोधरा कांड में शामिल होने की भी खबरें थी। एक आतंकी गतिविधि के प्रकरण में पोटा अदालत ने 2007 में उसे सजा सुनाई थी। लेकिन 2009 में ज़मानत पर बाहर आने के बाद वो फरार हो गया था। उसने खाड़ी क्षेत्र की यात्राएं भी की थी।
पहले भी पकड़े जा चुके है दो लोग
गौरतलब है कि इसी ज़िले के डुमरियागंज के डॉक्टर मुबीन को भी 12 साल पहले कई बम कांडों के आरोप में पकड़ा गया था, लेकिन अंततः वह पिछले साल आतंकी गतिविधियों के आरोप से बरी कर दिए गए थे। इसी प्रकार खेसरहा क्षे़त्र निवासी एक व्यक्ति को भी एक दशक पूर्व आतंकवाद के आरोप में यही से पकड़ा गया था, मगर टाडा कोर्ट से वह बरी हो गये थे। गिरफ्तारी के समय वह कश्मीर में अध्यापक थे और छुटि्टयों में घर आये हुए थे।
एस.पी. ने कहा, तलाश जारी
बहरहाल फरहान की गिरफ्तारी के मामले को लेकर सिद्धार्थनगर की पुलिस काफी हलकान है। इस बाबत एसपी डॉ.धर्मवीर सिंह का कहना है कि सूचना के आधार पर रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। फरहान का पता भी ट्रेस कराया जा रहा है। फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इस बारे में कोशिश लगातार जारी है।