सरदार पटेल के व्यक्तित्व को समझने के लिए लोगों को सियासी चश्मा उतरना होगा
अनीस खान
सिद्धार्थनगर। सरदार पटेल को एक निश्चित छवि के दायरे में कैद करना उनके कउ को छोटा करना है। उनका व्यक्तित्व विराट था। उन्होंने देश की माटी से सम्बंधित कई आदोलनों में हिस्सा लिया। इसलिए अब उनके पुनर्मूल्यांकन का समय आ गया है। उनके बारे में राजनीतिक चश्मा उतारने के बाद ही सच जाना जा सकता है।
यह उद्गगार सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित एक गोष्ठी में वक्ताओं ने व्यक्त किया। गोष्ठी जिला पंचायत के तत्वावधान में उसी के सभागार में आयोजित थी। इस अवसर पर वक्ताओं ने स्वतंत्र भारत में 5 सौ से अधिक रियासतों के विलय का श्रेय उन्हें देते हुए देश का वास्तविक लौहपुरुष बताया। कार्यक्रम में स्व. प्रधानमंत्री इदिरा गांधी को भी श्रद्धा सुमन अर्पित कियागया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता व सदर विधायक श्यामधनी राही ने कहा कि सरदार पटेल ने भारत माता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। हमारी सरकार ऐसे राष्ट्रनायक की जयंती मना कर उनको नमन करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार सरदार की उपेक्षा करती थी। लेकिन अब सरदार को सम्मान देने वाों की सरकार है।
गोष्ठी में पत्रकार नजीर मलिक ने कहा कि स्व. पटेल एक सम्रग्र पुरुष थे। साम्प्रदायिकता, अहिंसा, राष्ट्रीय एकता जैसे मुद्दों पर उनकी दृष्टि पूरी तरह साफ थी। वे जाति धर्म की सीमाओं से परे थे। मगर राजनीति के खेल में उन्हें इन्ही सीमाओं में कैद किया जा रहा है। यह दुखद और अक्षम्य है।
उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल सत्ता आता है तो उनके कद को बौना करता है।दूसरी आती है तो मिथकों के माध्यम से उनका कद देवता से विराट बनाती है। सब अपने अपने राजनीतिक लाभ के लिए सरदर पटेल को मोहरा बना रहे है। इसे बंद कर सरदार को खेड़ा और बारदलोई आंदोलन के माध्यम से समझना होगा। विभाजन के समय के नरसंहार के दौरान उनकी क्षमता का मूल्यांकन करना होगा। किसानों को लेकर उनके संघर्ष को समझना होगा।
इसके अलावा भी पत्रकार एमपी गोस्वामी, भाजपा नेता राम निवास यादव आदि वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष गरीब दास और संचालन अर्जुन सिंह ने किया।कार्यक्रम का शुभारंभ सरदार की मूर्ति पर माल्यार्पण से हुआ। अन्त में अपर मुख्य अधिकारी अरविद कुमार आनन्द ने सभी को धन्वाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में अभियंता रजवंत, स्त्येन्द्र कुमार, अरविंद कुमार गुड्डू शुक्ला आदि उपस्थित रहे।