हाई कोर्ट से अरेस्ट स्टे के बावजूद ब्लाक प्रमुख पति के भाई को उठा ले गई पुलिस
नजीर मलिक
बड़कूसिद्धार्थनगर। लोटन कोतवाली की पुलिस कानून को परे रख कर हर हालत में जमीर अहमद को जेल के सीखचों के पीछे भेजने की हर मुमकिन कोशिश में लगी है। लोटन की ब्लाक प्रमुख के पति और भिटपरा गांव के प्रधान जमीर अहमद की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कल फिर उनके भाई हलीम को जबरन उठा लिया। हालांकि जमीर अहमद की गिरफ्तारी के खिलाफ पुलिस ने स्टे भी दे दिया है।
बताया जाता है कि लोटन पुलिस ने कल जमीर अहमद के भाई हलीम को जबरन उठा लिया और पुलिस थो में बिठा दिया। हलीम लाख चिल्लाता रहा कि उसके भाई की गिरफ्तारी के खिलाफ हाई कोर्ट ने स्टे दे रखा है, लेकिन पुलिस ने एक न सुनी। बस उसकी एक ही जिद थी कि जमीर अहमद उर्फ बड़कू कसे हि करो।
जमीर अहमद ने फोन पर बताया कि कोर्ट ने उसे स्टे दे दिया है लेकिन पुलिस फिर उसके भाई को उठा ले गई है। लेकिन वे किसी अनहोनी के छर से पुलिस के समक्ष नही जा पा रहे। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी उनके परिजनों को पुलिस ने कई दिन तक थने पर बिठाये रखा था। उनका आरोप है कि पुलिस सत्ता पक्ष के दबाव में उनका उत्पीडन कर रही है।
क्या था मामला
दरसल गत १२ दिसम्बर को ग्राम प्रधान जमीर अहमद और सेक्रेट्री संजय पटेल के बीच किसी बात को लेकर नोक झोंक हुई थी।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कोई मार पीट नही हुई थी। लेकिन संजस की तहरीर पर पुलिस ने जमीर अहमद के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा लिख दिया। जमीर का कहना है कि उनकी तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं हुइ। इसके बाद उनके परिजनों को उठा कर उत्पीड़न करने का सिलसिला शुरू हुआ।
जानकार इस प्रकरण को गत दिवस प्रतुख के खिलाफ अविश्वास के प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष की हुई हार के रूप में देख रहे हैं। इससे पहले भी जमीर अहमद के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज हुआ था जो फर्जी निकला। उन्हें डर है कि आगे भी उन्हें जेल भेजने के लिए कोई षडयंत्र रचा जा सकता है।