Thank youः भयानक ठंड में बच्चे को ढूंढ कर दारोगा ने बताया कि वर्दी के नीचे भी दिल होता है

January 19, 2018 4:17 PM0 commentsViews: 749
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नजीर मलिक

‘शुएब को बचा कर उसके परिजनों को सौंपते थानधयक्ष रणधीर सिंह व उनके अधीनस्थ

सिद्धार्थनगर।  जिला भयानक ठंड से गुजर रहा है। बड़े बड़े जवां मर्द रजाइयों में दुबके देखे जाते हैं। इस भीषण शीत लहरी में खेसरहा थाने के एसओ रणधीर मिश्र ने  जिस प्रकार एक गुमशुदा बालक  को भयानक ठंड में मेहनत कर एक दिन में ढूंढ निकाला, इससे सबित होता है कि हर पुलिस वाला बेरहम नहीं होता, बल्कि उसके सीने में भी दिल होता है

बात दरअसल अचानक गायब हुए दस साल के बच्चे शुएब के गायब होने की है। मो. शुऐब नामक बालक कल यानी गुरुवार को बेलौहा बाजार यानी खेसरहा टाउन से गायब हुआ था। वह कस्बे में अपनी बुआ श्रीमती सलमा के साथ आया था और वहीं से गायब हो गया था। जिसकी सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष रणधीर मिश्र सक्रिय हुए।  फिर उसकी तलाश में पूरा इलाका छान मारा।

कहीं पता न चलने पर उन्होंने  तलाश् के क्रम में थाना असपास के थानों सहित सहित  कोतवाल प्रभारी बांसी से सम्पर्क किया। उन्हें अंदाजा था कि शुएब बांसी की तरफ भी जा सकता या ले जाया जा सकता है। बहरहाल छानबीन के दौरान रात में शोयेब के  बांसी में  कड़ाके की ठंड से कापने की खबर मिली।

खबर पाकर खेसरहा थानाध्यक्ष रणधीर मिश्र ने भयानक ठंड में बांसी पहुंचे।उन्होंने कांपते शुंएब को देख उसके लिए तत्काल स्वेटरकी व्यवस्था की और सर्दी से कांपते शुएब काे खेसरहा लाए। इसके बाद उसकी बुआ सलमा पत्नी वसीउल्लाह  को  बेलौहा के प्रधान प्रतिनिधि मो. इब्राहिम  के समक्ष सुपुर्द किया गया ।

शुएब के मिलने के बाद उसका परिवार भाव विभोर है। उन्होंने पुलिस टीम को धन्यवाद दिया । पुलिस टीम में रणधीर कुमार मिश्र प्रभारी निरीक्षक खेसरहा, प्रभारी निरीक्षक बांसी रवीन्द्र सिंह, उ.प्र. ददन राय, आरक्षी दुर्गेश यादव,आरक्षी शिवप्रताप सिंह, व  आरक्षी दिनेश यादव आदि शामिल रहे। बता दें कि दन थानाध्यक्ष ने कई ऐसे काम किये और कर कर रहे हैं, जिससे साबित होता है कि पुलिस वाले सिर्फ वर्दी वाले गुंडे नहीं नही होते, वरन उनके सीने में भी इंसानियत से लबरेज एक दिल धड़कता है।

 

 

 

 

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