गोरखपुरः लोकसभा उपचुनाव में “हाता” तय करेगा भाजपा की हार?
नजीर मलिक
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छोड़ी लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी के परिवार को भाजपा की हार तय करने की जिम्मेदारी दी गई है। पूर्व मंत्री के आवास को “हाता” और उनके परिवार को “हाता परिवार” कहा जाता है। बसपा का आंकलन है कि इस परिवार की मेहनत से गोरखपुर में 29 साल बाद भाजपा से यह सीट छीनी जा सकती है।”
गोरखपूर्ण लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा और सपा में कांटे का संघर्ष माना जा रहा है। इस सीट पर भाजपा के उपेन्द्र शुक्ला और सपा के प्रवीण निषाद में में सीधा मुकाबला है। इस सीट पर निषादों के साढ़े तीन लाख मत हैं, इसके अलावा यादव मत 3 लाख, दलित 3 लाख और मुस्लिम 3 लाख हैं। इनका 80 मत सपा के साथ है तो राजपूत, कायस्थ और वैश्य मत भाजपा के साथ है, जिनकी तादाद सपा बसपा के प्रतिबद्ध वोटो से थोड़ा ही कम है। इसके अलावा गैर यादव पिछड़ी जातियों के वोट दोनों को कमोबेश बराबर मिलने का अनुमान है।
ब्रहमण मत हो सकते हैं निर्णायक
इस लोकसभा सीट पर ब्रहमण मतों की संख्या दो लाख है। जाहिर है कि सीघी लडाई और कांटे की टक्कर में ब्राहमण मतों की संख्या निर्णायक हो सकती है। ऐसे में यदि सपा को ब्राहमण समाज के कुछ वोट मिलते हैं तो समाजवादी पार्टी उपचुनाव को जीत कर इतिहास रच सकती है। इसलिए बसपा और सपा नेताओं ने खास रणनीति के तहत हाता परिवार को ब्राहमण मत सपा की ओर मोड़ने की जिम्मेदारी दी है।
क्या है सपा बसपा की रणनीति
पूर्वमंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी पूर्वांचल में ब्राहमणों के र्निविवाद नेता माने जाते हैं। उनके पुत्र विनय शंकर तिवारी बसपा से विधायक है। बडे पुत्र कुशल तिवारी पूर्व बसपा सांसद और भांजे गणेश शंकर पांडेय विधान परिषद के पूर्व सभापति रहे हैं। बसपा और सपा का आंकलन है कि यदि इस चुनाव में “हाता परिवार” ने गंभीरता से काम किया तो भाजपा को हरा कर मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ को उनके गृह जिले में घेरा जा सकता है।
मगर सवाल यह है कि भाजपा के प्रत्याशी उपेन्द्र शुक्ल खुद ब्राहमण हैं, ऐसे में क्या हाता परिवार सजातीय वोटों को सपा के पक्ष में स्विंग करा पायेगा? जवाब में राजनीतिज्ञ ब्रहमशंकर त्रिपाठी कहते हैं कि पंडित जी पूर्वांचल के ब्राहमणों के सिरमौर हैं। उनके सम्मान के लिए वे सदा लड़ते रहे हैं, इसलिए कोई कारण नहीं कि वह अपने मिशन में विफल हों। फिलहाल गोरखपु र में चुनावी घमासान जारी है, देखिए ऊंट किस करवट बैठता है।
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