प्रसिद्ध चिकित्सक डा. चन्द्रेश के हास्पिटल पर आई.टी. का छापा, कई दस्तावेज कब्जे में लिया
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिला मुख्यालय के प्रसिद्धा चिकित्सक/ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. चन्द्रेश उपाध्याय के हास्पिटल पर आज दोपहर इनकम टैक्स डिपार्ट की टीम ने छापा मार कर कई दस्तावेज बरामद किये हैं। छापा आज मंगलवार को दोपहर में डाला गया और समाचार लिखने तक प्रकिया जारी है। । इस घटना की शहर में बहुत चर्चा है। डा. चन्द्रेश श्हर के नगर पालिका अध्यक्ष श्याम बिहारी जायवाय के दामाद है। बस्ती मंडल में उनकी ख्याति है और उनके अस्पताल की भी बहुत प्रतिष्ठा है।
बताया जाता है कि इनकम टैक्स विभाग की 14 सदस्यीय टीम आज सिद्धार्थनगर पहुंवी। उसने मुकामी पुलिस को लेकर शहर के उस्का रोड, थरौली स्थिति युवा चिकित्सक डा. चन्द्रेश उपाध्याय के निजी हास्पिटल में को घेरे में लें लिया। उसके बाद छानबीन में जुट गई। टीम के वहां पहुंचने पर पूरे अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। आईटी टीम के लोग अस्पताल की एक एक चीज खंगाल रहे थे।
संदिग्ध दस्तावेज की खबर, छापा टीम ने कुछ बताने से किया इंकार
मौके पर पहुंची माडिया को इनकम टैक्स टीम ने कुछ बताने से परहेज किया। मगर मौके पर मौजूद सूत्र बताते हैं कि टीम ने पूरे हास्पिटल को खंगाला और कई दस्तावेजों को अपने कब्जे में लिया। इसके अलवा टीम ने कुछ के फोटोग्राफ्स भी लिए। टीम के एक सदस्य ने अनधिकृत तौर पर बताया कि दस्तावेजों की पड़ताल के बाद ही कार्रवाई का फैसला लिया जायेगा। सूत्र बताते हैं कि वहां छापा टीम को कई आपत्तिजनक जानकारियां मिली हैं, मगर टीम ने इस बारे में कुछ बताने से इनकार किया है। टीम का कहना है कि हम कानूनी कार्रवाई से पहले कुछ नहीं बता सकते।
क्यों पड़ा अस्पताल परिसर में छापा
इन्कम टैक्स के छापे अक्सर पड़ते रहते हैं, लेकिन सिद्धाथनगर में इस छापे की खबर के बाद कयासबाजी शुरू हो गई है। लोग इस छापे को नगरपालिका चुनावों से जोड़ कर देख रहे हैं। आम चर्चा है कि नगर पालिका चुनाव में डा. चन्द्रेश ने अपने श्वसुर श्याम विहारी जायसवाल के लिए दिल खोल कर खर्च किया था। जिसे बहुत प्रचार मिला और बात आईटी तक पहुंच गई। यह बात आम है कि श्री जायसवाल के चुनाव के प्रमुख रणनीतिकार डा. चन्द्रेश ही थे। श्याम विहारी को जीत भी मिली थी।
दूसरी तरफ कुछ लोग कहते हैं कि यह कयास अविश्वसनीय है। .डा. चन्द्रेश ने बहुत कम उम्र में लोकप्रियता का शिखर छुआ है और पैसे भी कमाएं हैं। ऐसे में उनके विरोधी भी ईष्या के तहत इस प्रकार की शिकायतें शासन से कर सकते हैं। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक छापे की करर्वा जारी थी। विस्तुत विवरण का इंतजार करना होगा।