सीएम योगी को विकास दिखाने के नाम पर “कुरूप बस्ती” का फर्जी “मेकअप” कर रहा प्रशासन
— दो अप्रैल को सिद्धार्थनगर आयेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे को लेकर सिद्धार्थनगर में तैयारियां शुरू हो गई है। इसके लिए शहर तो नहीं उसके एक मुहल्ले को सजाया संवारा जा रहा है। योगी जी के कई कार्यक्रमों में दलित/मलिन बस्ती का निरीक्षण करना भी शामिल है। वह 2 अप्रैल को जिले में पहुंचेंगे। लेकिन सवाल यह है कि निरीक्षण के दिन साफ संवार दी गई मलिन बस्ती को देखने के बाद, सीएम साहब सच्चाई से कैसे रूबरू हो सकेंगे।
क्या है कार्यक्रम
संभावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री योगी यहां 36 परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा वे हेडक्वार्टर के शेखनगर वार्ड की मलिन बस्ती का निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा वह उस्का ब्लाक के ग्राम भिटिया के स्कूल को भी देखेंगे। उसके बाद जनसभा करेंगे। लेकिन सवाल है कि मुख्यमंत्री जी विकास की असली सूरत देख सकेंगे?
सीएम को गुमराह करने पर तुला है प्रशासन
दलित बस्ती के निरीक्षण की खबर आते ही प्रशासन उस मोहल्ले के कुरूप चेहरे पर पाउडर का मेकअप करने दौड़ पड़ा है। महीनों से जाम और कीड़ों से बजबजाती नालियों की सफाई शुरू हो गई है। सड़कों के गड्ढों को पाट कर बराबर किया जा रहा है। खंभो पर बिजली के बल्ब लटकाये जा रहे हैं। यह दिखा कर उनको यकीन दिलाया जायेगा कि यहां के दलितों को कोई समस्या नहीं है। इसी तरह भिटिया स्कूल का भी रंग रोगन किया जा रहा है।‘
सीएम साहब विकास के लिए असली सूरत देखना जरूरी है
कांग्रेस पार्टी के नेता और अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार गुड्डू प्रशासन की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि जब तक मुख्यमंत्री जी मलिन बस्ती की असली सूरत व स्कूल का असली चेहरा नहीं देखेंगे उन्हें समस्या का अनुमान न होगा। जब मुहल्ले में अस्थाई तौर पर नालियां साफ हो जायेंगी, बिजली के खंभों पर बल्ब टंगे होंगे, सड़को के गड्डे मिट्टी से भर दिये जायेंगे और घर घर झाड़ू से साफ करा दिये जायेगें तो उन्हें बस्ती में समस्या क्या दिख सकेगी?
जरूरत है औचक निरीक्षण की
उनकी बात का समर्थन इस विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी रहे कैलाश पंछी भी करते हैं। दोनों नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री जी को ऐसी मलिन बस्ती को देखना चाहिए जो अपने असली रूप में हो। प्रशासन द्धारा अस्थाई तौर पर मुहल्ले को संवार देने के बाद वह सच्चाई से वाकिफ न हो सकेंगे, ऐसी दशा में वहां विकास कार्यों की जरूरत उनकी नजर से छुप जायेगी। ऐसे में उन्हें आम मलिन बस्ती को देखना होगा, तभी वह सच को देख सकेंगे। इसलिए मुख्यमंत्री को वहां न जाकर औचक निरीक्षण करना चाहिए, तब उन्हें पता चलेगा की भ्रष्ट अफसर प्रशासन को कैसे गुमराह करते हैं।