वीर योद्धा महाराणा प्रताप कभी किशी निहत्थे पर वार नहीं करते थे
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की अगुवाई में महाबीर योद्धा महाराणा प्रताप की 478वीं जयन्ती मनाई गई। वक्ताओं ने महारणा के जीवनी को याद करते हुए बताया कि महाराणा ने अपने युद्ध काल में कभी निहत्थाों पर वार नहीं किया था बल्कि दुश्मन को दूसरी तलवार उठाने का मौका दिया करते थे। कार्यक्रम का आयोजन महासभा के युवा विंग के जिलाध्यक्ष फतेबहादुर सिंह ने किया ।
वक्ताओं ने कहा कि हमारे महाराणा देश के एक ऎसे महान योद्धा थे जिनके लिए उनके शत्रु अकबर ने अपने अकबर ए आईने नामक पुस्तक में उनकी तारीफ करने से अपने आप को न रोक पाया था और अपने स्वरचित पुष्तक में सम्राट अकबर ने लिखा है कि महाराणा तो बैरागी हो गए हैं।
महाराणा को ईश्वर और अल्लाह दोनों का शाश्वत प्राप्त हो चुका है, महाराणा का विरोध /मुखाल्फ़त करना, ईश्वर, अल्लाह, की मुखाल्फ़त /विरोध करना होगा। वक्ताओं ने ऎसे वीर योद्धा महाराणा प्रताप जी की 478वी जयन्ती के पावन पर्व पर सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
क्षत्रिय महासभा के युवा विंग के जिलाध्यक्ष फतेबहादुर सिंह की अगुवाई में जगदम्बा सिंह ने अध्यक्षता किया। मौके पर बृजकिशोर सिंह टाइगर, तेज प्रताप सिंह, विनोद सिंह, पंडित सिंह, निकुंज सिंह, बंटी सिंह, अविनाश सिंह, शैलू सिंह, विजय पांडे, विनोद सिंह, बबलू सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।