कर्नाटक के गवर्नर का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने पलटा, येदियुरप्पा को कल ही साबित करना होगा बहुमत
— उच्चतम न्यायालय के फैसले से भाजपा में बैचैनी और कांग्रेस-जेडीएस खेमे में उत्साह का माहौल
एस. दीक्षित
नई दिल्ली। कर्नाटक प्रकरण पर अपना रुख साफ करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री को कला अर्थात शनिवार शाम चार बजे बहुमत साबित करने का आदेश दिया है। हलाकि भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी ने इस का विरोध करते हुए कहा कि हमें कम से कम सात दिन चाहिए। हम कल परीक्षण नही करा सकते हैं, वही जेडीएस-कांग्रेस ने इस पर सहमति दी।,सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा के किसी भी दलील को नहीं माना और शक्तिपरीक्षण का आदेश दिया। इस फैसले के बाद भाजपा बेचैन देखी जा रही है।
कर्नाटक गवर्नर द्वारा बीजेपी को सरकार बनाने के आमंत्रण के खिलाफ कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। .बीजेपी के वकील मुकुल रोहतगी और तुषार ने बीएस येदियुरप्पा की तरफ से पेश किया लेटर कोर्ट को सौंपा था, जबकि, कांग्रेस ने भी विधायकों का साइन किया हुआ लेटर कोर्ट में पेश किया था। भाजपा के वकील मुकुल राहतगी और कांग्रेस के वकील अभिषेक मनु और कपिल सिब्बल की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्धारा दिये गये 15 दिन के समय का नहीं माना और शनिवार को फ्लोपर पर शक्ति परीक्षण का आदेश दिया कोर्ट ने कहा कि बेहतर होगा कि फलोर पर परीक्षण हो ताकि किसी को कोई वक्त न मिले।
बता दें कि कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने विवादों के बीच गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल वजुभाई वाला ने बहुमत वाले कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं किया, जिसे लेकर दोनों पार्टियां नाराज़ हैं. कांग्रेस ने राज्यपाल के फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया है. इस बीच खरीद-फरोख्त की आशंकाओं को देखते हुए कांग्रेस और जेडीएस ने अपने सभी विधायकों को हैदराबाद भेज दिया है.
इससे पहले येदियुरप्पा को शपथ लेने से रोकने के लिए कांग्रेस और जेडीएस ने बुधवार रात सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और तुरंत सुनवाई की अपील की थी. मामले की सुनवाई के लिए आधी रात के बाद कोर्ट खुला था. जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोबड़े की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि वे येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण को रोक नहीं सकते हैं. हालांकि जजों ने सरकार बनाने के दावे के लिये येदियुरप्पा ने राज्यपाल को जो चिट्ठी लिखी थी उसे मंगाया था और शुक्रवार को इस चिट्ठी के आधार पर सुनवाई हुई।