पूर्वांचल के लगभग दस भाजपा सांसद पाला बदलने की फिराक में, सभी सपा-बसपा के सम्पर्क में
नजीर मलिक
सिद्धार्थगर। पूर्वी उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में भाजपा में बेचैनी गढ़ रही है। इस क्षे़त्र के लगभग दस एमपी भाजपा छोड विपक्षी दलों के सम्पर्क में हैं। वे अवसर पाते ही भाजपा से पल्ला झाड़ कर गठबंघन का दामन थाम लेंगे। भाजपा उन्हें रोकने की रणनीति बना रही है, लेकिन अब तक के सारे प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं। राजधानी के राजनैतिक जानकारों का दावा है कि जून के लास्ट या जुलाई के पहले सप्ताह में पूर्वांचल के सांसदों में बड़ी बगावत संभव है। भाजपा के सूत्र फिलहाल इससे इंकार कर रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि हाल के 6 महीनों में भाजपा के अनेक सांसदों का मोहभंग पार्टी से बहुत तेजी से हुआ है। कैराना और नूरपुर में भाजपा की हार के बाद इन सांसदों में भाजपा के प्रति उत्साह पूरी तरह से भंग हुआ है। इसके कारण अनेक सांसदों व अन्य कई बडे नेताओं ने सपा बसपा से सम्पर्क करना शुरू कर दिया है। कई लोगों के सपा बसपा से सम्पर्क की निश्चित सूचनाएं भी मीडिया के खबरों का अंग बनने लगी हैं।
विश्वस्त सू़त्रों के अनुसार भाजपा के आजमगढ़ व बनारस मंडल में कम से कम दो भाजपा सांसद इस समय सपा के अखिलेश यादव व बसपा के मायावती के सम्पर्क में हैं। गोरखपुर के जिले के एक सांसद अखिलेश यादव से मिल चुके हैं। इसके अलावा गोंडा के एक दबंग सांसद ने भी अखिलेश यादव से सम्पर्क किया है। श्रावस्ती मंडल की भाजपा सांसद साबित्री बाई फुले तो कई महीनों से भाजपा के खिलाफ अभियान छेडे हुए हैं। इसके अलावा इलाहाबाद मंडल से भी ऐसी खबरें मिल रही हैं।
इस बारे में पूर्वांचल का कोई बड़ा नेता अधिकृत तौर पर कुछ कहने को तैयार नही है। वह खौफ में डूबा हुआ है, लेकिन वह आफ द रिकार्ड तो इतना कहता है कि बस्ती मंडल को छोड कर हर मंडल में पाला बदलने की आंशंकाएं है। भाजपा के सूत्रों का कहना है कि हालात खराब हैं। लेकिन भाजपा के जिम्मेदारों को यहसास नही है। भाजपा के लोग केवल मोदी मैजिक के सहारे हैं, लेकिन मैजिक बार बार नहीं चलता है।