सीएम योगी जी याद करिएǃ आप जिस खैरी शीतल गांव गये थे, वहां लोग डूबने के कगार पर हैं
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सूबे का मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद अगर वह किसी गांव का दौरा करें, वहां की समस्याओं से रुबरु हो, समस्याओं के निदान का तत्काल फरमान जारी करें और 1 साल बीत जाने के बाद गांव की हालत उस से भी बदतर हो जाए तो आप क्या कहेंगे? मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी दित्यनाथ ने सबसे सबसे पहले बाढ़ से धिरे सिद्धार्थनगर के गांव शीैरी शीतल प्रसाद का दौरा कर उसे समस्या विहीन बनाने की घोषण की थी, लेकिन वहां विकास की बता कौन कहे, समस्यायें बढ़ती जा रही हैं। पदी गांव को लीलने की ओर अग्रसर है और अफसरान म के बजाये योगी गान में लगे हैं। मुख्यमंत्री जी खैरी शीतल प्रसाद गांव की अस्मिता के सवाल आपकी साख भी दांव पर लग गई है।
क्या दिक्कत है खैरी गांव की, क्या घोषणा थी सीएम योगी की
सिद्धार्थनगर जिले के विधानसभा क्षेत्र शोहरतगढ़ का शीतल खैरा गांव बूढ़ी राप्ती नदी के पास बसा है। हर वर्ष बाढ की विभिषिका झेलना इस गांव की नियति बन गई है । बूढ़ी राप्ती नदी कुछ वर्ष पहले गांव से 1 किलोमीटर दूर बह रही थी लेकिन कटान इस कदर है अब नदी गांव को लीलने को बेताब है। नदी कटान कर गांव के 50 मीटर पहले तक पहुंच चुकी है। गांव में दहशत है कि अगर बाढ आ गयी तो क्या होगा?
यादे रहे, इस गाव की मदद के लिए योगी ने क्या कहा था?
पिछले वर्ष इस गांव में भीषण तबाही हुई थी । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी की कमान उसी समय सभाली थी और बाढ़ का जायजा लेने वह जिले में भी आए थे मेरूनड हो चुके इस गांव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बोट से पहुंचे थे। ग्रामीणों की समस्याओं से रूबरू होकर योगी जी ने तत्काल प्रभाव से नदी पर ठोकर सहित अन्य समस्याओं के निदान की घोषणा भी किया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद ग्रामीणों की समस्याएं जस की तस नहीं हैं, बल्कि वह दोगुला हो गई हैं।
ग्रामीण बोले सीएम को उनका दर्द सुनने की फुर्सत नहीं
गांव कटान पर तो है ही , यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है। 25 प्रतिशत आबादी आज भी छप्पर के मकान में रह रही है । सड़कें बदतर हैं, पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है, ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं । सबसे बड़ी बात यह है कि खैरी शीतल गांव कि जिस सैलाबी समस्या को देख कर उसका निराकरण करने योगी जी आये थे, वह और भी विकराल हो गई हैं। लेकिन सीएम योगी के परस अपले कृपानुकंपी गांव में ध्यान देने की फुर्सत नहीं है।
लोग कहते हैं कि योगी को गरीबों, किसानों से कोई हमदर्दी नहीं
गांव के ग्रामीणों ने बताया कि अब योगी जी से उम्मदिें टूट रही हैं। गत वर्ष योगी जी के गांव का दौरा कर लौटने के बाद से ही शीतल खैरी गांव में बाढ़जनित बीमारियों से साठ पशु मर गये थे। तीडियामें में हो हल्ला मचने पर अफसरों ने रिपोर्ट दिया की वे पालतू नही जंगली पशु हैं और मुख्यमंत्री जी ने मान लिया। इससे यही लगता कि उन्हें गांव के गरीबों, किसानों के प्रति हमदर्दी नहीं है। अब हमने उनसे उम्मीद की आस छोड़ दिया है और अगले चुनाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं।गांव डूब रहा है और सोगी जी की घोषण के अलुसार गरंव में एक ठोकर तक नहीं बन पाया। बस लोग डूबने के इंतजार में हैं।
सीएम से पांच बार मिला, कोई सुनवाई नहीं हुई- विधायक अमर सिंह
शोहरतगढ़ विधानसभा के अपना दल विधायक चैधरी अमर सिंह का यह क्षेत्र है । पिछले वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ विधायक और स्थानीय सांसद जगदंबिका पाल भी इस गांव पर वोट से आए थे । लेकिन मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद काम ना होने से जनता उनसे सवाल करती है। जब उनसे बात की गई तो उनका दर्द छलक पड़ा। उन्होंने अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया विधायक अमर सिंह ने साफ कहा कि बाढ़ की समस्या को लेकर वह मुख्यमंत्री से 5 बार प्रपोजल देकर मिल चुके हैं लेकिन उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया । उनका कहना है कि जनता के बीच में तो उन्हें रहना होता है ऐसे में लोगों की अपेक्षाएं पूरी ना होने से उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है