१५ अगस्त को एक साथ तीन दोस्तों का जनाजा उठाते रो पड़े खलीलाबाद के लोग
नजीर मलिक
खलीलाबाद में तीनों दोस्तों के जनाजे में उमड़ी भीड़
संतकबीरनगर। जिला मुख्यालय खलीलाबाद शहर शहर में जब पूरा शहर जयने आजादी में डूबा हुआ था तो के पठान टोला के रहने वाले तीन जिगरी दोस्तों के जनाजे को लेकर आंसुओं डूबे लोग कब्रिस्तान जा रहे थे। यह तीन दोस्ते थे, बैदुल्लाह पुत्र शमीम, बरकतउल्ला पुत्र अनवारुल हक़ और सानू पुत्र वहीद। जनाजे की रवानगी के वक्त रास्ते में “कर चले हम फिदा जान वो तन साथियों” का बज रहा गीत लोगों का कलेजा छलनी किये दे रहा था।
क्या था मामला, किसने मारा मासूमों को
खलीलाबाद के मुहल्ला पठान टोला के रहने वाले उबैदुल्लाह, बरकत अली और शानू नाम के नौजवानों में बड़ी गहरी दोस्ती थी। तीनों अक्सर एक साथ ही रहते थे और एक दूसरे के सुख दुख में भागीदारी होते थे। शानू करीब एक सप्ताह पहले मुंबई से लौटा था। मोहल्ले के रहने वाले अरशद खान ने बताया कि तीनों में प्रगाढ़ दोस्ती थी। तीनों मिलनसार भी थे। किसी काम को कहने पर वे मदद भी करते थे।
13 अगस्त की शाम वे तीनों चानक गायब हो गये। 14 अगस्त की शाम तीनों की लाश रेलवे लाइन के पास मिली। लेकिल वे कट कर नहीं मरे थे। लाश ऐसे लोकेशन पर थी जहां जाना किसी के गले से नहीं उतर रहा है। लोग इसे सुनियोजित कत्ल की संज्ञा दे रहे हैं। कल उन्हीं के कल दोपहर बाद उन्हीं का जानाजा निकल रहा था।
रेलवे लाइन के किनारे निर्जन स्थान पर तीनों का एक साथ शव मिलना किसी के गले से नहीं उतर रहा है। उबैदुल्लाह के भाई फरान ने बताया कि उसका भाई मिलनसार स्वभाव का था। वह हर किसी की मदद करता था। मोहल्ले के लोग भी अपने यहां कार्यक्रमों में उसकी मदद लिया करते थे। उसकी मौत से परिवार के लोग सदमे में हैं। उसने बताया कि एक साथ तीनों का शव मिला है। उसे उम्मीद नहीं थी कि उसका भाई इतनी जल्दी उसका साथ छोड़ कर चला जाएगा।
पीएम रिपोर्ट देख कर ही कुछ कहना संभव- पुलिस
बहरहाल बेजार आंसुओं के बीच कल सांय उनको शहर के कब्रिस्तान में दफना दिया गया। लोग इसे किसी भयानक साजिश की संज्ञा दे रहे हैं। पुलिस का कहना है कि पोस्ट मार्टम की रिपोट मिलने पर ही घटना के बारे में कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल पठान टोला गू और गुस्से में डूबा हुआ है। लोग इस मामले में साजिश को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं व्यक्त कर रहे हैं।