ताइवान विमान हादसे में उलझा नेता जी सुभाष चंद बोस के मौत का मामला
अजीत सिंह
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेता जी सुभाष चंद बोस की मौत की जानकारी भारतीय सरकार को सत्तर सालों में भी नहीं हो पाई है। उन्हें कभी गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी समझ कर यूपी पुलिस तो शालीमार बाबा के रुप में आईबी ने बंगाल में सिर्फ उनकी जासूसी किये। मगर अभी तक भारत की जनता ये नही जान पायी है कि बहादुर सेनानी की मौत कब व कैसे हुई। जब कि भारत के केंन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने पत्र लिखकर उनके परिजनों को बताया था कि नेता जी जिंदा है और वह भारतीय खुफिया एजेंसी की जानकारी में है।
वैसे अट्ठारह अगस्त स्न उन्नीस सौ पैंतालिस को ताइवान में हुए एक विमान हादशे में भी सुभाष चंद बोस के मर जाने की खबरें भी कई बार आम हो चुकी है। मगर इसकी पुष्टि देश के किसी भी राज्य सरकार ने नही की। पश्चिम बंगाल सरकार ने अब अट्ठारह सितम्बर को जिन गोपनीय चौंसठ फाईलों को सार्वजनिक होना है उसमें भी नेता जी के मौत के मामले में कोई मदद मिलने के आसार नही दिख रहे है।
मजे की बात है कि भरतीय इतिहास की सबसे ज्यादे चर्चित और अनसुलझी कहानी का अंत कहां और कब हुआ, यह भारत सरकार के किसी भी जिम्मेदार को पता ही नही है, जबकि नेता जी को यूपी पुलिस ने फैजाबाद व सीतापुर में गुमनामी बाबा उर्फ भगवानजी के नाम से और पश्चिम बंगाल में भारत की आई बी ने शालीमार बाबा के रुप में जासूसी करती रही। लेकिन कोई निर्णय लेने में असफल रही।
जनपद के युवा नेता सोनू सिंह, अभाविप के संयोजक आशीष शुक्ला, युवा व्यापारी नितिन श्रीवास्तव, सपा के खुर्शीद अहमद और छात्र नेता विकास सिंह ने एक स्वर से स्वीकार किया और कहा कि भारत सरकार की नाकामी की इससे सटीक कहानी क्या होगी? कि नेताजी की मौत की गुत्थी आज भी पहेली बनी है।