सिद्धार्थनगर में दंगा भड़काने की साजिश नाकाम, पुलिस के हस्तक्षेप से तनाव टला
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।बीती रात करीब दो बजे सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर दंगा भड़काने की साजिश पुलिस की सख्ती के चलते नाकाम हो गयी। अगर पुलिस ने मौके पर कुछ लोगों की पिटाई कर खदेड़ा न होता तो घटना बड़ी हो सकती थी। फिलहाल वहां मौके पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है। उसका कहना है कि वह आसामाजिक तत्वों की पक्की शिनाख्त के बाद ही मुकदमा लिखेगी।
बताया जाता है कि बीती रात लक्ष्मी विसर्जन के लिए निकला डोला बगियावा मस्जिद के सामने मुख्य सड़क पर रूका और भक्त गण जय कारा करने लगे। उसी समय मुख्य सड़क से थाड़ा हट कर स्थित बगियवा मस्जिद में पटाखे गिरने लगे। प्टाखे जान बूढ कर फेंके गये या अनजाने में वहां गिरे, इस बारे में अलग अलग मत हैं।
लगभग डेढ़ बजे इस घटना का मुहल्ले वालों ने विरोध किया। इसी तू त मै मै के बीच दोनों पक्ष एक दूसरे को मारने पर आमादा हो गये। तलवारें तक निकल आईं। इसी दौरान वहां एसपी घर्मवीर सिह सहित अनेक पुलिस अफसर भी दल बल के साथ पहुंच गये। एस पी ने फौरन आसामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्ती बरतने का आदेश दिया।
बताया जाता है कि पुलिस के समझाने पर मस्जिद पक्ष तो पीछे हट गया, मगर डोला पक्ष और पुलिस में बिवाद हो गया।अन्ततः रा़त करीब दो बजे पथराव शुरू हो जाने पर पुलिस ने बल प्रयोग शुरू कर दिया। उनकी लाठियों से एक राजनीतिक कल के कई वर्करों की पिटाई देख वहां भागदड़ मच गई। डोलों के सारथी भी वहां नहीं बचे। बाद पुलिस ने अपने संरक्षण में डोलों को वहां से हटा कर विसर्जित कराया। फिलहाल वहां पुलिस की चौकसी जारी है, मगर शहर में तनाव जैसी कोई बात नजर नहीं आती। स्थिति सामान्य है।
इस बारे में पुलिस का कहना है कि वह घटला के जिम्मेदार तत्वों की तलाश में है। मुकदमा शाम तक लिखा जायेगा।गौर तलब यह है कि पिछले कई दिनों से लक्ष्मी पांडालों में बज रहे साम्प्रदायिक गानों और नारों पर यदि सख्ती की गई होती तो शायद यह नौबत न आती। सभी पांडालों में एक ही गीत और नारे वाले कैसेट कैसे और किसने पहुंचाये,यह जांच का विषय है।