दावेदारों की आपसी खुन्नस में कांग्रेस से मुकीम का टिकट फॅाइनल, भाजपा में जश्न, गठबंधन फिक्रमंद
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर जिले की इकलौती नोकसभा सीट से कांग्रेस ने पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम का टिकट फाइनल कर दिया है। इस घटना के बाद जिले के चुनावी समीकरण बदलने लगे हैं। मुकीम साहब के कांग्रेस उम्मीदवार होने की खबर से गठबंधन खेमे में बेचैनी फैल गई है, दूसरी तरफ पूर्व सांसद मुकीम के प्रत्याशी बनने की खबर से भाजपा के खेमे में जश्न का माहौल है। मुहम्मद मुकीम ने फोन पर हुई वार्ता में अपना टिकट पक्का होने की पुष्टि की है।
दिल्ली से मिली खबरों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान इस बार डुमरियागंज सीट से किसी ब्रह्मण को टिकट देकर नये प्रयोग के मूड में थी। इसके लिए पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम को मना भी लिया गया था, मगर जैसा कि कपिलवस्तु पोस्ट ने लिख रहा था कि ब्रह्मण नेताओं के बीच पेंच फंसने पर अंतिम विकल्प पूर्व सांसद मु. मुकीम ही होंगे, तो अंत में वही हुआ। बताया जाता है कि कांग्रेस के केन्द्रीय कार्यलय से आज शाम 4.30 बजे उनके टिकट फाइनल होने की जानकारी दी गई।
कैसे हुआ मुकीम साहब का टिकट ओके
हाजी मुहम्मद मुकीम के टिकट फाइनल होने की कहानी बड़ी रोचक है। दिल्ली में टीम राहुल–प्रियकां ने मुकीम साहब को पूरे सम्मान के साथ यह बात समझा दी थी कि इस बार रणनीतिक कारणों से उन्हें चुनाव नहीं लड़ना है। काग्रेस पार्टी इसके लिए के लिए किसी ब्राह्मण कैंडीडेट की तलाश में थी। मगर कांग्रेस पार्टी के तीन (पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री लर्वदेश्वर शुक्ल, पूर्व विधायक ईश्वरचंद शुक्ल और कांग्रेस जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद तिवारी) व भाजपा के दो (एक पूर्व विधायक व एक चिकित्सक). कुल मिला कर पांच ब्रहमण दावेदारों में कोई एक दूसरे को सपोर्ट करने को तैयार नहीं था। फलतः उनके आपसी झगड़े के नाते मुकीम साहब के पक्ष में फैसला करना पड़ा।
नर्वदेश्वर शुक्ल बने किंग मेकर
टिकट की इस जंग में पूर्व सांसद मुकीम साहब द्धारा हारी बाजी जीतने में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नर्वदेश्वर की भूमिका को अनदेखा करना अन्याय होगा। इसलिए कि नर्वदेश्वर शुक्ल केवल एक मा़त्र टिकटार्थी थे जो कह रहे थे कि अगर मुकीम को टिकट मिला तो वह तन मन धन से मदद करेंगे। वहीं मुकीम साहब कह रहे थे कि अगर एक मुस्लिम के रूप में उन्हें टिकट न मिले तो ब्राह्मण नेता के रूप में नर्वदेश्वर शुक्ल ही मजबूत उम्मीदवार होंगे। बस कांग्रेस आला कमान ने इसी बिंदु पर गौर किया। इसके बाद ब्रह्मण नेताओं की आपसी खींचतान को देखते हुए मुहम्मद मुकीम के नाम पर टिकट की मुहर लगा दी।
गठबंधन हैरान, भाजपा में जोश
इस खबर के बाद यहां सिद्धार्थनगर जिले में गठबंधन प्रत्याशी आफताब आलम के खमे में बेचैनी देखी जा रही है। दूसरी तरफ भाजपाप्रत्याशी जगदम्बिकापाल के खेमे में जोश भर गया है। भाजपा का मानना है कि बसपा से आफताब आलम, पीस पार्टी से राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अयूब और अब कांग्रेस से पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम के लड़ने से गत चुनाव की भांति भाजपा की जीत पक्की हो गई है। कांग्रेस के इस फैसले के बाद यहां चुनावी जंग बहुत रोचक ही नहीं रोमांचक होने की संभावना बन गई है।