जानिए, सिद्धार्थनगर के पत्रकार ने पटना की सड़कों पर चार दिन तक क्यों मांगी भीख?
— गोदी मीडिया के दौर में मनीष मिश्रा ने पेश किया जन सरोकारी पत्रकारिता की शानदार मिसाल
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। आज के दौर में जब भारतीय मीडिया सवालों के घेरे में है, लोग उस पर गोदी और बिकाऊ मीडिया का आरोप रहे हैं, ऐसे में बिहार के हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार और अपने ही अनुज मनीष मिश्रा की सरोकारी पत्रकारिता रेगिस्तान में नखलिस्तान का एहसास कराती है। पेशवर भिखारियों के सिंडीकेट और उसके नेटवर्क के लिए जिस प्रकार वे खुद भिखारी बन कर कई दिन तक राजधानी पटना की सड़कों पर भटकते रहे, वह सरोकारी पत्रकारिता का स्वर्णिम अध्याय बन गया है।
क्या किया मनीष मिश्रा ने?
हिदुस्तान अखबार पटना के वरिष्ठ पत्रकार और सिद्धार्थनगर जिले निवासी मनीष मिश्रा को यह जानकारी थी कि बड़े शहरों में हजारों हजार भिखारी एक या अलग अलग मफिया/सिंडीकेट के अधीन काम करते हैं। लेकिन उनका नेटवर्क कैसे काम करता है, यह किसी को पता नहीं था। उन्होंने उसकी तहें खोलने की ठानी और एक साहसिक निर्णय लिया।
इस नेटवर्क का पता लगाने के लिए मनीष मिश्रा ने एक निर्णय लिया, जिसके तहत उन्हें खतरों की जद में जाना था, जहां भेद खुलने पर माफिया कुछ भी कर सकते थे। बहरहाल उन्होंने पहले भिखारियों के बारे में अध्ययन किया, उनकी आदतें, दैनिकचर्या भाषा-शैली आदि को समझा, फिर वह भिखारियों की ड्रेस पहन कर पटना की सड़कों में भीख्र मांगने उतर पड़े।
… और चार दिन तक भीख मांगते रहे मनीष
बकौल मनीष मिश्रा उन्होंने फटे पुराने कपड़े पहन कर चार दिन तक कड़ी धूप में नंगे पैर पटना की सड़कों पर खाक छानी। उन्हें कहीं दुत्कार मिली तो कहीं सहानुभूति। भिखारियों के बीच नये भिखारी के रूप में शामलि होकर अन्ततः मनीष पता लगा लिया कि पटना के भिखारियों के माफिया का नाम राजू है और सड़कों पर भीख मांगने के लिए सबकोराजू को एक निश्चित टैक्स देना जरूरी है। हिस्सा न देने में भिखारियों को मार पीट कर शहर से खदेड़ दिया जाता है। इस माफिया के हिस्से में पुलिस भी बराबर की शरीक रहती है।
कौन हैं मनीष मिश्रा?
सरोकारी प़त्रकारिता के हालिया मिसाल बन कर पटना की सड़कों पर भीख्र मागने वाले मनीष मिश्रा सिद्धार्थनगर के टाउन एरिया उस्का बाजार के निवासी हैं। उन्होंने दो दशक पहले नूतन सवेरा अखबार से अपने कैरियर की शुरुआत की थी। फिर अमर उजाला होते हुए दैनिक जागरण और हिंदुस्तान पहुंचे। वर्तमान में वे हिंदुस्तान अखबार के पटना संस्करण में सीनियर रिपोर्टर के पद पर कार्यरत हैं है।
थैंक यू मनीष, बधाई “हिंदुस्तान’
कपिलवस्तु पोस्ट से बातचीत में मनीष मिश्रा ने फोन पर बताया कि यह बहुत रिस्की आपरेशन था। इस बारे में सिर्फ हिंदुस्तान अखबार के स्टेट हेड डा. त्रिविजय सिंह जी व न्यूज एडीटर अश्विनी पांडेय जी को मालूम था। भेद खुलने पर बड़ा खतरा भी था। मुझे खुशी है कि उनके सहयोग और प्रेरणा से मै अपने मिशन में कामयाब हो सका।
कपिलवस्तु पोस्ट एवं सम्नूर्ण जिले की ओर बधाई अनुज मनीष, नाज है सिद्धार्थनगर को आप पर। सलाम हिंदुस्तान अखबार की जमीन से जुड़ी पत्रकारिता को
।