वाह रे सेहत मुहकमा! लाखों की दवाइयां एक्सपायर हो गईं और सोते रहे अफसर
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर के केन्द्रीय औषधि भंडार में लाखों रुपये की दवाइयां पड़ी-पड़ी बेकार हो गई। विभाग के सीएमओ और डिप्टी सीएमओ को इसकी फिक्र ही नहीं हुई। अगर यह दवाइयां वक्त से जिले भर के अस्पतालों को भेज दी जातीं तो हजारों मरीजों को राहत मिल सकती थी।
इस रहस्य का खुलासा शनिवार की शाम उस वक्त हुआ, जब औषघि भंडार का ताला तोड़ा गया। दरअसल चीफ फार्मासिस्ट चार्ज हटने के वजह से दस दिन पूर्व भंडार में ताला लगा कर फरार हो गया था। खबर है कि उसमें पैरासीटामाल, ओआरएस ब्रूफेन जैसी जरूरी दवाएं थीं।
हालांकि एक्सपायर दवाओं से विभाग को कितना चूना लगा? इसका लेखा-जोखा तैयार किया जा रहा है। लेकिन अनुमान है कि दवाओं की कीमत लाखों में है। इस मामले में फरार फार्मेसिस्ट से रिकवरी हो सकती है।
यहां गौर करने की बात है कि फार्मासिस्ट केवल दस दिन से फरार है। सवाल है कि आखिर इतने दिन तक दवाइयां स्टोर में क्यों पड़ी रहीं, कि आठ दिन में उनके एक्सपायर होने की नौबत आ गई? क्या विभाग के जिम्मेदारों का दवाइयों के बारे में पता नहीं था? इसे हद दर्जे की लावरवाही ही कहा जा सकता है।
इस बारे सीएमओ डा. अनीता सिंह के मुताबिक उन्होंने फरार फार्मेसिस्ट आरएसपी गुप्ता से सम्पर्क साधने की कोशिश की मगर विफल रहीं। मामले की गंभीरता को भांपते हुए सीएमओ ने इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी।
डीएम डा. सुरेन्द्र कुमार ने एसडीएम सदर रजित राम प्रजापति को सीएमएसडी का ताला तोड़वाने का निर्देश दिया। यह माना जा सकता है कि डा. इनीता सिंह ने अभी जल्द सीएमओ का चाार्ज लिया है, लेकिन उनसे पहले के सीएमओ क्या कर रहे थे? यह जांच का विषय है।