गठबंधन प्रत्याशी आफताब को इटवा पुलिस ने तीन घंटे तक क्यों किया डिटेन?

May 8, 2019 12:48 PM0 commentsViews: 2899
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— सत्ता के इशारे पर हो रहा उत्पीड़न, मुझे तीन घ्ंटे इटवा पुलिस ने  डिटेन किया- आफताब आलम

— सीओ इटवा ने एसडीएम के पद का भी नहीं किया लिहाज, कहा आप आफताब के पक्ष के गवाह हैं क्या?

 

नजीर मलिक

इटवा थाने में पुलिस अभिरक्षा में बैठे गठबंधन प्रत्याशी आफताब आलम

सिद्धार्थनगर। मंगलवार को इटवा –बढ़नी रोड पर सी ओ इटवा के अगवाई में पुलिस फोर्स ने गठबंधन प्रत्याशी आफतब आलम को बीच सड़क पर एक घंटे रोक रखा। इतने से मन नही भरा तो तो पुलिस उन्हें इटवा थाने लाई और लगभग दो घंटे उन्हें थाने पर डिटेन किया गया। उके बाद उच्चाधिकायों के हस्तक्षेप के बाद उन्हें जाने दिया गया। आफताब ने आज १० बजे एक प्रेस कान्फ्रेंस कर इसे सत्ता पक्ष के इशारे पर किये जा रही उत्पीड़न की संज्ञा दी है।

क्या है घटना की पूरी कहानी

बताया जाता है कि आफताब आलम कल इटवा विधानसभा क्षेत्र के दौर पर थे। लगभग 11 बजे उनकी तीन गाड़ियां खानकोट सेमरी के पास सीओ इटवा के नेतृत्व में रोकली गईं। उसके पीछे एक बोलेरो भी रुक गई। इसके बाद सीओ इटवा ने उनके कफिले में तीन से अधिक गाड़ी होने की बात कही फिर दोनों पक्षों में तार्किक बहस होने लगी। अभी यह बहस चल रही थी कि घटना की खबर सुन कर मौके पर बसपा जिला अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पहुंच गये। सीओ ने उनकी गाड़ी को भी कब्जे में ले ली।

बताते हैं कि आफताब आलम ने वहीं से डीएम और एसपी से बात की। दोनों ने सीओं से बात की और गठबंधन प्रत्याशी को जाने की अनुमति मिल गई। अभी वो सबसे मिल कर अपनी गाड़ी में बैठ ही रहे थे कि सीओ इटवा श्रीयश मणि त्रिपाठी ने फिर उनकी गाड़ी रोक ली और सारी गाडियों को इटवा थाने ले आये। यही नहीं आफतब अहमद व उनके समर्थकों को थाने पर बैठा लिया गया।

…और सीओ ने एसडीएम को बता दिया आफताब का गवाह

बताया जाता है कि मामला गर्म होने की खबर पर इटवा एसडीएम त्रिभुअन प्रसाद भी मौके पर पहुंचे तथा बसपा जिला अध्यक्ष दिनेश गौतम व उपाध्यक्ष शमीम अहमद  तो मेरे कार्यालय में बैठे थे. उनकी गाड़ी उनकी फलीट में कैसे हो सकती है?

इस पर सीओ इटवा पद की मर्यादा भी भूल गये और अपने वरिष्ठ अफसर को कहा कि आप गठबंधन उम्मीदवार के गवाह की हैसियत से आये हैं क्या? उनका यह अंदाज देख सभी सन्न रह गये। बहरहाल घटना तेजी से वायरल होने लगी और अंत में किसी उच्चाधिकारी के गंभीर हस्तक्षेप के बाद  दो बजे आफताब आलम की गाडियां छोड़ीं गईं और उन्हें जाने दिया गया।

क्षेत्रीय सांसद व सरकार के दबाव में हो रहा उत्पीड़न- आफताब आलम

इस बारे में आज बसपा कार्यालय पर आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेंस में बसपा प्रत्याशी आफताब आलम ने घटना को सत्ता के दबाव में की गई कार्रवाई बताया और कहा कि अब तक मेरे खिलाफ तमाम फर्जी मामले कायम किये गये हैं। उन्होंने दलील दी कि पूरे दिन जिले की पुलिस उनकी गड़ी के पीछे साये की तरह लगी रहती है। कहीं आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होता। लेकिन दूसरे दिन पता चलता है कि उन पर मुकदमा दर्ज हो  गया।

उन्होंने कहा कि भाजपा हार रही है। इसलिए वह बौखला गई है। हमारे वर्तमान सांसद खीज मिटाने के लिए इस प्रकार की राजनीति कर रहे हैं।  आफमाब आलम ने कहा है कि यदि उनका आगे भी उत्पीड़न हुआ और पर्यवेक्षक महोदय ने इसका संज्ञान नहीं लिया तो जनता सड़क पर उतर सकती है।

 

 

 

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