भारतीय रूकूलों में एडमिशन के लिए दर दर भटक रहे नेपाली छात्र

August 26, 2019 12:51 PM0 commentsViews: 497
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निज़ाम अंसारी

शोहरतगढ़, सिद्धार्थ नगर शिक्षा के क्षेत्र में कई दशकों से विख्यात जनपद स्थित कई इंटर मीडिएट और हाई स्कूल के विद्यालयों में शिवपति इंटर कॉलेज की गरिमा शिक्षा के क्षेत्र में काफी लंबे समय से रही है जिसके फलस्वरूप 2017 तक नेपाल के लाखों की संख्या में नेपाली छात्रों की पहली पसंद यह विद्यालय रहा है जो लगातार जारी है परन्तु इस बार नेपाल के छात्रों का जनपद स्थित भारतीय स्कूलों में प्रवेश नहीं लिए जाने के कारण हजारों छात्र शिवपति इंटर कालेज की बेहतरीन शिक्षण व्यवस्था से वंचित रह गए । नेपाल के लगभग एक दर्जन छात्रों के गार्डियन से हुई बातचीत में पता चला कि उनके बच्चों का एडमिशन नहीं होने से उन्हें काफी दुख पहुँचा है ।

इस संबंध में शिवपति इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य नलिनीकांत मणि त्रिपाठी बताया कि नेपाल के  शिक्षण संस्था की नियामक एस एल सी बोर्ड से हाई स्कूल पास करने वाले छात्रों को यू पी बोर्ड केब हाई स्कूल के समकक्ष मान्यता थी और इसी आधार पर उत्तर प्रदेश में नेपाली छात्रों का एडमिशन कक्षा 11 में लिया जाता था परंतु माध्यमिक शिक्षा अधिनियम में समकक्षता संबंधी संशोधन किया गया जिसके आधार पर नेपाल से हाइस्कूल पास छात्रों का  भारत नेपाल सीमा से सटे भारतीय खासतौर पर उत्तर प्रदेश के इंटर कॉलेजों में प्रवेश नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि यदि कोई नेपाली छात्र यू पी बोर्ड से हाइस्कूल पास है तो उसको ग्यारहवीं में प्रवेश दिया जाएगा चाहे उसके पास आधार कार्ड हो या न हो।

बताते चलें कि शिवपति इंटर कॉलेज की अपने प्रारंभिक समय से ही शिक्षा जगत में लगतार ऊंचाइयों को छुूरही है और यही कारण है कि सीमा से सटे  कपिलवस्तु जिले से लेकर नेपाल के दूर दराज के जिलों अर्घाखाँची , दांग , रोपनदेही आदि जिलों में इस विद्यालय के लाखों की संख्या में छात्र रहे हैं । सही नहीं जिले के ककरहवा, लोटन व बढ़नी क्षे़त्र में बहत से छात्र पढते हैं, जो  वह नेपाल के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी विभागों में उच्च पदों पर आसीन हैं।

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