गुणकारी तुलसी के पौधे को अरब देशों में ‘रेहान’ नाम से जाना जाता है, दिलों को जोड़ने वाला है यह पौधा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले के शोहरतगढ ब्लाक में एक युवक अनवारूल हक वर्तमान में स्थान स्थान पर तुलसी के पौधे रोप कर जनमानस को उसकी महत्ता से परिचित कराने में जुटे हैं। २९ साल के अनवारुल हक का मानना है कि इस गुणकारी पौधे के औषधीय गुण मानव सेवा में बहुत सहायक हैं। इनका रोपण घर में जरूरी है। अरब देशों में इस गुणकारी पौधे को जन्नत का पौधा भी कहा जाता है। यह बहुत बीमारियों को तोड़ कर वास्तव में दिलों को जोड़ने वाला पौधा है।
ब्लाक के ग्राम पल्टादेवी निवासी अमीररुल हक के पुत्र अनवारुल हक उर्फ टाइगर में इस पौधे को लेकर जनून है। वे हमेशा अपने घर से निकलने पर तुलसी का पौधा साथ में रखते हैं और कहीं भी उपयुकत जमीन देखते ही उसे रोप देते हैं। इस प्रकार वे अब तक क्षे़त्र के पल्टा देवी मन्दिर, पुलिस चौकी, राजकीय होमियोपैथिक चिकित्सालय, स्वास्थ्य उपकेन्द्र,प्राइमरी स्कूल, मदरसा सुबलुस्सलाम नरायणपुर, सीतारामपुर ग्राम सभा मे प्राथमिक विद्दालय भगवानपुर, मदरसा रघुनाथपुर एवं रमवापुर खास में प्राथमिक विद्दालय अलिदापुर मुसहरवा आदि तमाम सार्वजनिक जगहों पर हजारों पौधे रोप चुके हैं।
हर दिन तुलसी पौधे को साथ लेकर घर से निकलते हैं अनवारुल
अनवारुल हक ने बताया ने कहा कि उन्होंने तुलसी का नर्सरी कर रखा है। हर सुबह जब भी घर से निकलता हू तो तुलसी के पौधे लेकर निकलता हूं और साफ जगह मिलते ही तुलसी का पौधा लगा देता हूं।उन्होंने बताया कि तुलसी का पौधा गुणकारी होता है। इसका बखान जितना करें कम है तुलसी के पौधे से प्राणवायु मिलती है। इसके आस पास हानिकारक विषैले कीटाणुओं का सफाया होता है। इसके पत्तों एवं बीजों मे लाखों गुण पाये जाते हैं। यह पौधा जिस घर के पास मे लगा होता है वहां आस पास की वायु शुद्ध रहती है। सांस की बिमारी न के बराबर हो जाती है।
शिक्षा से एम बीए और मार्केटिंग जाब छोड़ कर सेवा के क्षेत्र में उतरे अनवारुल हक ने बताया कि तुलसी के पौधे को अरबी भाषा में रेहान और अंगेजी में बैजल कहते हैं। अरब में इसे जन्नत को पौधा भी कहा जाता है। इसे अरब में भी काफी महत्व दिया जाता है। यह किसी धर्म से जुड़ने के कारण नहीं वरन अपने औषधीय गुणों के सभी धर्मो के लोगों के लिए लाभकारी है।
बुजुर्गों लिए बेहद खास है यह पौधा
यों तो तुलसी का पौधा सभी के लिए फायदे मंद है परन्तु बुजुर्गों के लिए यह विशेष लाभकारी है। अनवारुल के मुताबिक वृद्ध व्यक्ति के गले में कफ जमा हो जाने के कारण श्वसन क्रिया एवम बोलने में रुकावट आ जाती है। तुलसी के पत्तों के रस में कफ फाड़ने का विशेष गुण होता है इसलिए शैया पर लेटे बिमार वृद्ध व्यक्ति को यदि तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस पिला दिया जाये तो व्यक्ति के मुख से आवाज निकल सकती है।वृद्ध व्यक्ति के गले में कफ जमा हो जाने के कारण श्वसन क्रिया एवम बोलने में रुकावट आ जाती है। तुलसी के पत्तों के रस में कफ फाड़ने का विशेष गुण होता है इसलिए शैया पर लेटे बिमार वृद्ध व्यक्ति को यदि तुलसी के पत्तों का एक चम्मच रस पिला दिया जाये तो व्यक्ति के मुख से आवाज निकल सकती है।
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