हैदराबाद में डुमरियागंज के 80 लोग भूखे प्यासे फंसे हैं, सरकार से मदद की लगा रहे गुहार
— आप नेता ने मदद के लिए लिखा डीएम और सांसद को पत्र, पीड़ितों को शीघ्र बुलाने के लिए के लिए किया अनुरोध
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। तेलंगाना प्रदेश में जिले के लगभग ८० ग्रामीण लाक डाउन के कारण फंसे हुए हैं। अब जक वे लोगों की मदद पर जिंदा थे, लेकिन अब पिछले कई दिनों से वे भूखे प्यासे रह कर वे सरकारों और समाजसेवियों से मदद की गुहार कर रहे हैं, लेकिन उनकी छटपटाहट सुनने या मदद करने वाला कोई नहीं है।
बताया जाता ह्रै कि कि वर्तमान में वे हैदराबाद में फंसे हैं। वे सभी वहां मेहनत मजदूरी का काम करते थे। जिससे उनके परिवार चलते थे। उनमें से अधिकोश डुमरियाबंज तहसील के जुड़वनियां गांव के निवासी हैं। एकसप्ताह पूर्व तक उनको भाजन पानी स्थानीय नोगों से मिल जाता था, मगर पिछले सप्ताह मदद मिलनी बंद हो गई और वे संकट में घिर गये।
हैदराबाद में फंसे लोगों में से तारिक हाशिमी कीते हैं कि यूपी सरकार ने कोटा से हजारों बच्चें को धर पहुंचाने की व्यवस्था कर दी, मगर उन जैसे हजारों लोगों के बारे में नहीं सोच रही, क्योंकि वह किसी अमीर के बेटे नहीं हैं। तारिेक हाशमी, तौकीर हाशिमी, रजीउल्लाह शाह, तहसीन अहमद, नसीबुल हक आदि ने भी उत्तर प्रदेश सरकार से उनके कष्ट दूर करने की मांग की है।
दूसरी तरफ आप नेता ने कहा
दूसरी तरफ आप नेता आप नेता इंजीनियर इमरान लतीफ़ ने सिद्धार्थनगर जिले के तेलंगाना में फंसे मज़दूरों की घर वापसी के लिए सांसद और जिलाधिकारी से वापसी के लिए गुहार लगाई है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता इंजीनियर क़ाज़ी इमरान लतीफ़ ने डुमरियागंज से सांसद जगदम्बिका पाल एवं जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर दीपक मीणा को पत्र लिखकर तेलगांना राज्य के मुसापेट इलाके में फंसे जनपद के रहने वाले दर्जनों मजदूरों को उनके गांव वापस लाने की मांग की है।
क़ाज़ी इमरान लतीफ ने कहा कि सोशल मीडिया पर उन्होंने एक वीडियो देखी जिसमे क्षेत्र के कुछ मजदूर साथी तेलगांना में फंसे होने की पीड़ा व्यक्त कर रहे थे और वहां से गांव वापसी के लिए जिम्मेदारों से अपील कर रहे थे। तफ्तीश करने पर पता चला कि इसमें से कुछ लोग जनपद सिद्धार्थनगर की डुमरियागंज तहसील के अलग अलग गांवों से हैं। जिनमे से तारिक़ हाशमी जो जुड़वनिया गांव के रहने वाले हैं उन्होंने फ़ोन के माध्यम से संपर्क किया और दर्जनों लोगों के फंसे होने की सूचना दी।