सरकार के सौतेले व्यवहार के चलते आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे मदरसा शिक्षक- शहिद हुसैन
मेराज़ मुस्तफा
इटवा, सिद्धार्थनगर । एक तरफ केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा जनहित योजनाओं एवं सबका साथ सबका विकास का ढिंढोरा पीटने का कार्य कर रही है, परन्तु जमीनी हकीकत कुछ और ही है। सरकार की योजनाओं की हकीकत मदरसा शिक्षकों की हालत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है। पिछले चार वर्षों से केन्द्रांश ना मिलने के कारण आज स्थिति यह है कि मदरसा शिक्षक एवं उनके परिजन भुखमरी के कगार पर पहुच गए हैं ।
उपरोक्त बातें इस्लामिक मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शाहिद हुसेन ने बढ़या स्थित अपने कैम्प कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता के दौरान कही । वार्ता के दौरान शाहिद हुसेन ने बताया कि मदरसा शिक्षकों को विगत चार वर्षों से केन्द्रांश ना मिलने एवं सरकार द्वारा नियमित रूप से राज्यांश ना जारी करने के कारण प्रदेश के लगभग पच्चीस हजार मदरसा शिक्षकों एवं उनके परिजनों की आर्थिक हालत अत्यंत दयनीय हो गई ।
आईमास जिलाध्यक्ष शाहिद हुसेन ने कहा कि इस विषय में मानव संसाधन विकास मंत्री एवं अन्य जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से मिलकर उक्त समस्या को उनके समक्ष रखा भी चुका है परन्तु इसके बाद भी शासन – प्रशासन द्वारा अभी तक कोई उचित कदम नही उठाया गया है जिससे आज हालात यह हैं कि मदरसा शिक्षक घुट – घुट कर जीने को विवश हैं एवं कई मदरसा शिक्षक मानदेय ना मिलने के कारण बीमारियों होने पर पैसे के अभाव में इलाज़ ना हो पाने के चलते ज़िन्दगी से हाथ धो बैठे हैं। इसके बाद भी सरकार के कानों में जूं तक नही रेंग रही जो अत्यंत दुःखद है।
उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में भी सरकार द्वारा इसी तरह का सौतेला व्यवहार जारी रहा तो ना जाने कितने मदरसा शिक्षक एवं उनके परिजन भी इसी प्रकार भुखमरी के चलते जान गवां बैठेंगे । आईमास ने इस विषय में शासन व प्रशासन से अपील करते हुए उक्त मुद्दे को संज्ञान में लेते हुए जल्द से जल्द निस्तारण करने की गुहार लगाई । प्रेस वार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष के साथ हामिद रजा , संजय कुमार , मतीन अहमद , सीमा पाठक , ताहिर हुसेन , गुलाम मोहम्मद अहमद रजा उर्फ बब्लू खान , ह्रदेश कुमार , महीउद्दीन , महबूब आलम , मोहम्मद मुस्तफा , मिन्नतुल्लाह , इनामुर्रहमान आदि मदरसा शिक्षकों की उपस्थिति रही ।