नेपालः प्रधानमंत्री के.पी. ओली के भारत विरोधी बयान से कामरेड प्रचंड नाराज, मांगा इस्तीफा
— गिर सकती है के.पी. ओली की सरकार, प्रचांड ले सकते है सरकार से समर्थन वापस
पी पी उपाध्याय नेपाल से
कृष्णानगर, नेपाल। ओली को डर है कि कांग्रेस और प्रचंड क्षेत्रीय पार्टी की सहयोग से सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं। पड़ोसी मित्र राष्ट्र नेपाल की सत्तारूढ़ केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ सत्ता में सहयोग देने वाली सहयोगी पार्टी उनसे नाराज चल रही है।
नेपाल में भारत से सीमा विवाद चीन द्वारा नेपाल की भूमि पर कब्जा कर हड़पना और कोविड-19 की लड़ाई में सरकार द्वारा ठोस नीति न बनाने का आरोप लगाते हुए जहां कांग्रेस नेपाल सरकार को घेर रही है। वहीं सरकार की सहयोगी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड ने ओली पर दबाव डालते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।
इस संबंध में राजनीतिज्ञों का कहना है कि नेपाल के केंद्रीय असेंबली में कुल 56 सदस्य हैं जहां सरकार चलाने के लिए आधे से एक सदस्य यानी 29 सदस्यों की आवश्यकता पड़ती है। नेपाल की मौजूदा सरकार की स्थिति यह है कि के पी शर्मा ओली के अपने कम्युनिस्ट पार्टी ऐमाले के 27 सदस्य हैं तथा उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के 12 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। संसद में नेपाली कांग्रेस के 13 सदस्य हैं।4 सदस्य अन्य दलों से संबंधित है।
बताया जाता है कि नेपाल की ओली सरकार से प्रचंड द्वारा किनारा कसने पर नेपाल में सरकार बनाने की चाबी अब इन्हीं चार सदस्यों के हाथ में है। नेपाल की वर्तमान सरकार के सहयोगी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख पुष्प कमल दहल प्रचंड ने केपी शर्मा ओली से इस्तीफा देने के लिए कहा है। प्रचंड का कहना है कि केपी शर्मा ओली ने गठबंधन सरकार का विश्वास खो दिया है। इसलिए उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने कैबिनेट की मीटिंग बुलाई है जिसमें वे वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में मनन मंथन करेंगें। इस समय केपी शर्मा ओली नेपाल सरकार के प्रधानमंत्री हैं इसके साथ ही साथ वे अपने दल के अध्यक्ष भी हैं
लोग उनसे दोनों पदों में से एक पद छोड़ने के लिए दबाव डाल रहे हैं राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ दिया तो वे ज्यादा दिनों तक प्रधानमंत्री पद पर कायम नहीं रह सकते है। प्रंचड ओली के उस बयान पर काफी नाराज हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि पड़ोसी देश उन्हें अपदस्थ करने की साजिश कर रहा है।
प्रचंड का कहना है कि ओली को भ्रम हो गया है और वे अपनी नाकामी का ठीकरा कहीं और फोड़ना चाहते है सरकार में शामिल गठबंधन की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में नेपाल के पूर्व पीएम के भी शामिल होने की खबर मिली . बैठक में प्रचंड के अलावा, पूर्व पीएम झलानाथ खनाल और माधव नेपाल शामिल रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि या तो ओली पीएम पद छोड़ें या पार्टी के प्रमुख का पद त्याग दें। बताया जा रहा है की पार्टी प्रमुख पद छोड़ने के बाद ओली ज्यादा दिनों तक पीएम नहीं रह पाएंगे। ऐसे में कहा जा रहा है कि ओली पीएम पद छोड़ सकते हैं।