इस प्रसव केंद्र पर मक्खियां भी नहीं भिनकतीं
कपिलवस्तु पोस्ट, सिद्धार्थनगर।
“ABP न्यूज़ चैनल ने अपनी पड़ताल में कहा है कि उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार में जननी सुरक्षा योजना में 75 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। इस खुलासे के बाद ज़मीनी हक़ीक़त जानने के लिए कपिलवस्तु पोस्ट की टीम ने प्रसव केंद्रों का दौरा किया जहां इनकी हालत किसी भूत बंगले जैसी दिखी। चारों तरफ उग आए झाड़ झंखाड़ को देखकर दावा किया जा सकता है कि ऐसे प्रसव केंद्र पर मक्खियां भी नहीं मंडराती हैं जबकि सिर्फ भवन निर्माण में 12 लाख रुपए खर्च आया था। 5 साल से यह प्रसव केंद्र बंद पड़ा होने से ग्रामीण गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव का रास्ता भी बंद हो चुका है।”
किसी पुराने खंडहर जैसा दिख रहा भवन दरअसल सिद्धार्थनगर ज़िले के मिठवल ब्लॉक का प्रसव केंद्र है। स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील मोर्चे पर यूपी सरकार की गंभीरता को अगर समझना है तो इस तरह के प्रसव केंद्र सटीक नमूने का काम करेंगे। तफ्तीश के मुताबिक मिठवल विकास खंड में स्थापित ज़्यादातर केन्द्र सिर्फ फाइलों में चलने की वजह से झाड़ झंखाड़ के तब्दील हो गए हैं। ऐसे में यहां सुरक्षित प्रसव का गुमान आखिर किया जाए तो कैसे? जवाब उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार को देना चाहिए।
जननी सुरक्षा योजना के तहत 15 गांवों की गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए इस केन्द्र की स्थापना वर्ष 2008 में की गई थी। इसके निर्माण 12 लाख खर्च किए गये। स्थापना के साथ ही यहां पर एएनएम पूनम त्रिपाठी को नियुक्त किया गया। 2010 तक यहां बच्चों की किलकारियां तो सुनाई पड़ती रहीं पर इसके बाद से यह बंद हुआ तो आज तक नहीं खुल सका। तैनात एएनएम के न बैठने से प्रसव पीड़ा से परेशान गर्भवती महिलाएं मजबूरी में तिलौली व किसी प्राइवेट नर्सिंग होम का रास्ता पकड़ती है। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शशि कपूर चौधरी का कहना कि एएनएम सेंटर के बंद होने से इसकी दशा ऐसी हो गई कि दिन में भी जाने से डर लगता है। कई बार इसे खोलने की मैंने मांग भी की पर स्वास्थ्य विभाग अनसुना ही किए बैठा है।
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