मोदी जी क्या यहीं है अच्छे दिन? इससे तो बेहतर तो वह बुरे दिन ही थे
संजीव श्रीवास्तव
लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने केन्द्र में पार्टी की सरकार बनने के बाद जनता को अच्छे दिन लाने का भरोसा दिलाया था। मगर डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी जनता को अच्छे दिन का एहसास नहीं हो रहा है। महंगाई चरम पर हैं। यहां तक कि आटे-दाल का दाम भी आसमान पर है।
सिद्धार्थनगर जिला मुख्यालय पर कपिलवस्तु पोस्ट की टीम ने महंगाई को लेकर बाजार का जायजा लिया, तो पता चला कि अरहर की दाल आज 170 रुपये प्रति किग्रा, आटा 20 से 22 रुपये प्रति किग्रा, सरसो का तेल 120 रुपये प्रति लीटर एवं मूंगफली का दाना 120 प्रति किग्रा की भाव से बिक रहा है।
किराना व्यवसायी अनिल त्रिपाठी ने बताया कि एक माह पहले अरहर की दाल 120, आटा 18, सरसो का तेल 105 एवं मूंगफली का दाना 80 रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से बिक रहा था।
इसके अलावा रोजमर्रा आवश्यकता की सभी वस्तुओं का दाम लगातार बढ़ रहा हैं। उनके मुताबिक जब थोक बाजार में इन वस्तुओं का दाम बढ़ रहा है, तो फुटकर में मुनाफा कम हो रहा है।
इस सिलसिले में सपा नेता खुर्शीद अहमद का कहना है कि मोदी से अच्छे दिन की आस कर जनता ने प्रचंड बहुमत से केन्द्र में भाजपा की सरकार बनवा दी, मगर अब मोदी सरकार पूंजीपतियों के हाथ की कठपुथली बन गयी है। जनता महंगाई से बेजार है। मध्यम व गरीब वर्ग बड़ी मुश्किल से दो जून के भोजन की व्यवस्था कर पा रही है।