हथपरा कांडः मौत तो बहाना था, असली मकसद लूटपाट व दंगा भड़काना था
–पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने खोल दी जिले के हथपरा गांव में लूटपाट आगजनी की सच्चाई
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर (यू.पी.) जिले के हथपरा गांव में डेढ़ दर्जन अल्पयंख्यकों के घर पुलिस की मौजूदगी में लूट लिए गये, साथ ही एक ‘लम्पट गिरोह’ ने उन पर तरह तरह के जुल्म तोड़े, लेकिन पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ने पूरा मामला ही उलट दिया। इससे साबित हो गया कि गांव के एक बुजुर्ग का मरना तो एक बहाना था। इस गिरोह का असली मकसद लूटपाट, तोडफोड़, आगजनी के माध्यम से गांव के एक कमजोर समुदाय से लूट पाट कर उन्हें डराना और नीचा दिखाना था ।
डुमरियागंज तहसील के जिस हथपरा गांव में मारपीट के दौरान ध्रुवराज चौधरी नामक ७० साल की हत्या किया जाना बता कर दंगे की पृष्ठि भूमि बनाई गई थी, रविवार को उसके शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई। जिसमें डाक्टरों ने मृतक ध्रुवराज चौधरी के मौत की बजह मारपीट के दौरान चोट से नहीं बलिक हार्ट अटैक लिखा है।
जिला अस्पताल की इस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद यह बात स्पस्ट हो गई है कि गत 21 अगसत को हथपरा गांव में जमीनी विवद में शफी व लवकुश चौधरी के परिपार के बीच मारपीट हुई थी और ईंट पत्थर भी चले थे। मारपीट को देख 70 साल के ध्रुपराज चौधरी को हार्टअटैक आ गया । उस घटना के बाद ही साम्प्रदासिक तत्वों ने हथपरा गांव में तांडव करने का फैसला ले लिया था। दूर्भाग्य से उसी समय ध्रुपराज चौधरी की हार्ट अटैक से मौत हो गई और उन्हीं तत्वों ने इसे अल्पयंख्यकों द्वारा की गई हत्या का प्रचार कर माहौल को विषाक्त बनाने और तनाव का माहौल बनाने में लग गये।
अब सवाल उठता है कि जब ध्रुपराज की हार्ट अटैक से मौत हुई तो मारपीट करने वालों को हत्याभियुक्त क्यों बनाया गया? यदि पहले यह काम पुलिस की चूक वश हुआ तो पुलिस द्वारा उन पर से हत्या की धारा क्यों नहीं हटाई जा रही? इसके अलावा जिन लोगों ने हथपरा के डेढ़ दर्जन घरों को पुलिस के सामने लूटा, पीर की मजार को तोड़ा और अगजनी की उनकी गिरफ्तारी पुलिस अब तक क्यों नहीं कर रही? हथपरा गांव के ग्रामीण कहते हैं कि यह अनोखा केस है। इस घटना में मारपीट की आरोपी हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं और दंगा लूटपाट आगजनी करने वाले व्यक्तियों पर अब तक मुकदमा भी कायम नहीं हुआ, गिरफ्तारी तो दूर की बात है।
आपको बता दें कि 21 अगस्त को अलग अलग समुदाय के दो पक्षों में मारपीट की घटना हुई। दूसरे दिन 22 अगस्त को बाहरी लोगों की भीड़ ने एक बुजुर्ग की हत्या का दुष्प्रचार कर पुलिस के सामने ही अल्पयंख्कों के घर लूटे, मजार तोड़ दी व आगजनी की, लेकिन अब पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से सच्चाई सामने आ गई है। देखना है अब पुलिस और जिला प्रशासन कौन सा कदम उठाता है।