गोरखपुर-लखनऊ वाया बलरामपुर, नौगढ़ रेल लाइन पर भी ट्रेन चला दीजिए मंत्री जी!
गोरखपुर- मुम्बई/दिल्ली, लखनऊ वाया बस्ती लाइन की दो ट्रेनें इस लाइन पर चलाने में कोई अतिरिक्त खर्च भी नहीं
— लोगों की मजबूरी का फयदा उठा रहे प्राइवेट बस संचालक व रेल टिकटों के दलाल, साढ़े तीन हजार में मुम्बई का टिकट
नजीर मलिक
“पूर्वांचल के महाराजंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती आदि जिलों के कामगार एक बार फिर मुम्बई, दिल्ली जैसे महानगरों को लौटने लगे हैं। हालांकि कोरोना का कहर जारी है, लेकि गरीब के पेट की भूख कोराना पर भारी पड़ रही है। अतः वे फिर महानगरों की ओर लौटने का मजबूर हैं। मगर इनके लिए गोरखपुर-लखनऊ वाया नौगढ़, बलरामपुर लाइन पर कोई ट्रेन नहीं है। जबकि पूर्वांचल के इन्ही जिलों के सर्वाधिक मजदूर, कामगार मुम्बई दिल्ली में रहते हैं। ट्रेनों के अथाव में ऐसे लेगों का जम कर शोषण हो रहा है।”
ऐसी दशा में कामगारों को ट्रेन पकडने के लिए गोरखपुर बस्ती अथवा गोंडा जाकर ट्रेन पकड़ना पड़ता है। इसमें उनका पूरा दिन व अतिरिक्त धन खर्च हो जाता है। यही नहीं टगेनों की यंख्या कम हो जाने के कारण इस रूट के लोगों को आरक्षित टिकट नहीं मिल पाता है। एक अनुमान के मुताबिक इन चार जिलों के करीब 14 लाख मजदूर केवल मुम्बई में काम करते हैं।तकरीबन चार से पांच लाख कामगार दिल्ली में काम करते हैं।
ट्रेनों के न होने तथा तथा टिकट की मारामारी के कारण ई टिकट के दलालों की चांदी हो गई है। वे तीन हजार से अधिक मूल्य में टिकट दे रहे हैं। जाहिर है इसमें रेल विभाग के लोगों का भी हाथ है। इसके अलावा टिकट की कमी देख हर जिलों से मुम्बई के लिए प्राइवेट बसें भी चलने लगी हैं। ये बसें बिलकुल खटारा होती हैं और वे प्रति पैसेंजर तीन से साढे तीन हजर रुपये चसूलती हैं। लाकडाउन में जब गरीबों के समक्ष खाने के लाले पड़े है तो वह बेचारा इतने पैसे कहां से लाए?
मुम्बई के भिवंडी क्षेत्र में काम करने वाले पंडारी विश्वकर्मा कहते हैं कि रेल मंत्री चाहें तो इन महानगरों से बस्ती होकर जाने वाली ट्रेनों में यदि दो ट्रेने वाया नौगढ- बलारामपुर मार्ग से भेजने की व्यवस्था कर दें तो क्षेत्र के गरीबों का भला हो जाये। लेकिन मंत्री जी को इस हालात से परिचित करायेगा कौन? इसके जवाब में शोहरतगढ़ के मनराज कहते हैं कि काम काम नेता ही कर सकते हैं।
सच भी हैं इस क्षेत्र के तीनों सांसद भाजपा के हैं। सिद्धार्थनगर के सांसद जगदम्बिका पाल, महाराजगंज पंकज चौधरी बहुत वरिष्ठ सांसद हैं। इसके अलावा बलरामपुर के सांसद ददन जी भी कम प्रभावशाली नहीं हैं। यदि वे सब चाह लें तो यह काम मिनटों में हो जाएंगा। तीनों सांसदों से इस समस्या का हल निकालने की मांग क्षे़त्रीय लाृब अगकों ने की है।
रेल चलाने को लेकर सिद्धार्थ वेलफेयर सोसाइटी ने दिया धरना
एक अन्य समाचार के मुताबिक सिद्धार्थ वेलफेयर सोसाइटी के कार्यकर्ताओं व स्थानीय नागरिकों ने सांसद जगदंबिका पाल व रेल मंत्री भारत सरकार पीयूष गोयल को लिखित पत्र भेजकर उत्तर रेलवे क्षेत्र के गोरखपुर- बढ़नी वाया बलरामपुर गोंडा रेलवे लाइन रूट पर कोरोना संक्रमण के बाद पुनः ट्रेनों के संचालन करवाने की मांग की है। कस्बे स्थित शोहरतगढ़ रेलवे स्टेशन पर बंद पड़ी आरक्षण खिड़की खुलवाने का भी अनुरोध किया है।
सिद्धार्थ वेलफेयर सोसाइटी के प्रबंधक व संयोजक वकार मोइज खान द्वारा लिखित पत्र भेजकर सांसद व रेल मंत्री से ट्रेनों के संचालन करवाने का अनुरोध किया है, पत्र में वकार मोइज़ खान ने कहा कि ट्रेन न चलने के कारण गोरखपुर, लखनऊ ,गोंडा आदि जगहों पर इलाज के लिए जाने वाले मरीजों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है, सिद्धार्थनगर जनपद व यहां के ग्रामीण इलाकों में यात्रा करने के लिए ट्रेन ही एकमात्र विकल्प है। शोहरतगढ़ रेलवे स्टेशन की आरक्षण खिड़की बंद होने से टिकट बुक करने में भी दिक्कत हो रही है।
छात्र नेता विष्णु उमर ने कहा है कि ट्रेन का संचालन ना होने से छात्र-छात्राओं, सरकारी कर्मचारियों, प्राइवेट कर्मचारियों, व्यापारियों, व स्थानीय नागरिकों को यात्रा करने के लिए प्राइवेट वाहनों का सहारा करना पड़ा है, जोकि मील का पत्थर साबित हो रहा है। इसके अलावा छात्र नेता मोहम्मद शहजाद सिद्दीकी,विष्णु उमर, अरमान अंसारी, उपाध्यक्ष राहुल यादव, निलेश चौधरी, पूर्व महामंत्री रामू मौर्य, धर्मेंद्र जायसवाल, शाह मोहम्मद खान चंदन पांडे,सरवन, दानिश ने भी ट्रेनों के संचालन की मांग की है।