एक तवायफ के बेटे की वेश्यावृत्ति के खिलाफ जंग, आखिर राजा की चीख कब रंग लाएगी?

October 9, 2020 1:55 PM0 commentsViews: 1742
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— ऊपर से जांच का आदेश होने पर पुलिस रिपोर्ट लगा देती है कि बिस्कोहर में नहीं होता देह व्यापार

नजीर मलिक

यूपी के सिद्धार्थनगर जिले में एक कस्बा है बिस्कोहर। यह जिले की पश्चिमी सीमा पर है और बलरामपुर जिले को छूता है। बिस्कोहर एक ऐतिहासिक गांव है। यहा 365 शिव मंदिर और 365 कुएं हैं। इसके अलावा यहां वारांगनाओं यानी वेश्याओं का एक मोहल्ला भी है, जिसे पश्चिम टोला के नाम से पुकारते हैं। पुराने जमींनदारों और स्वाधीनता सेनानियों का गढ़ रहे बिस्कोहर कस्बे पर इसी गांव के निवासी और ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजे गये डा.विश्वनाथ त्रिपाठी ने “नंगा तलाई का गांव” नामक पुस्तक लिखा है, जिसमें उपरोक्त तीन बातों पर विस्तार से वर्णन किया गया है।

पहले जमींदारों को तहजीब सिखाती थीं वारांगनाएं

उन्हीं वर्णनों से ज्ञात होता है कि बिस्कोहर में जमींदारों ने अपना शौक पूरा करने के लिए वेश्याओं को बसाया था। तब वे वारांगनाएं पढ़ी लिखी और सुसंकृत होती थीं। जमीदार अपने बच्चों को उनके घरों पर तहजीब व संस्कार सीखने के लिए भेजते थे। लकिन हालात ने करवट बदल ली। कल की तहजीब सिखाने वाली उन्हीं तवायफों के परिवार अब जिस्म बेचने के धंधे में उतर आए और गंदी गलीज दुनियां के बाशिंदे बन गये। उनकी लड़कियां अब उसी पारंपरिक पेशे में उतर आईं और बेटे उसी कारोबार के सहायक या दलाल की भूमिका में जीने लगे।

आखिर कर ही दिया जेहाद का एलान

इसी बिस्कोहर कस्बे की फिजां ने अब करवट बदली है। वहां के एक नौजवान राजा ने वेश्यावृत्ति के खिलाफ जेहाद छेड़ दिया है। राजा खुद एक वेश्या का बेटा है। उसे पता नहीं कि उसका पिता कौन है। उसके मुताबिक ऐसे तमाम युवक हैं। जिन्हें पता नहीं कि वह किसकी औलाद हैं। यह धंधा बेहद शर्मनाक है यही राजा की बगावत का कारण है। वह चाहता है कि अब उनकी नस्लों को भी सामाजिक मान्यता व प्रतिष्ठा मिले। इसके लिए हम सब को अपने में बदलाव लाना चाहिए।

खुद वेश्या पुत्री से शादी कर धंधा छुड़ाया

राजा ने इस बगावत को गति देने के लिए पहले एक वेश्यापुत्री से शादी किया और इस कुकर्मी पेशे से खुद को हटा लिया। इसके बाद उसने अपने भाई को इस मुहिम में शामिल किया। आज दोनों का हरा भरा पूरा परिवार है। अब राजा का ध्येय अन्य परिवारों को इस चंगुल से मुक्त कराने का काम करने लगा।

इस काम में उसे जितना समर्थन मिला, स्वयं वेश्या समाज और उनके सरपरस्तों द्वारा उससे अधिक विरोध शुरू हुआ और वे लोग राजा व उसके भाई पप्पू को तरह तरह से उत्पड़ित करने लगे। राजा बताता है कि उसके विरोध को देख कर लोग उसे जान से मारने की फिराक में हैं। अभी पिछले दिनों उसे जला कर मारने की कशिश की गई। फिर 25 सितम्बर को उसे जान से मारने की कोसिस की गई।    

 क्यों पड़े हैं जान के पीछे

इस बाबत राजा का कहना है कि उसने मेहनत कर करीब आधा दर्जन परिवारों को देह व्यापार के मुद्दे से छुटकारा दिलाया है। कुछ और भी देह व्यापार बंद करने की कोशिश में हैं। इसलिए कुछ वेश्यायें चाहती है कि उनका धंधा बरकरार रहे, इसलिए राजा को यहां से हटा दिया जाये। इसके लिए उसने देह व्यापार में लगी तीन महिलाओं के नाम से प्रार्थना पत्र भी दे रखा है। मगर सुनवाई नही हो रही। इसके प्रमाण स्वरूप राजा अपने पास सैकड़ों प्रर्थना पत्रों की फोटो कापी भी दिखाता है।

पुलिस की भूमिका शर्मनाक

इस सिलसिले में राजा का कहना है कि इन सब मामले में ऊपर से जब भी जांच करने का आदेश आता है तो पुलिस बिस्कोहर में देह व्यापार न होने की रिपोर्ट लगा देती है। पुलिस की इस रिपोर्ट को भला कौन मानेगा कि बिस्कोहर में देह व्यापार नहीं होता। जाहिर है कि यह सब पैसे की लालच में होता है। हद है पुलिस की, कि वह इतनी जलालत और शर्मनाक कमाई में हिस्सा लेकर अपने जमीर की हत्या करने पर तुली है।

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