फिलहाल शोहरतगढ़ में बंद रहेंगी दुकानें, समझौते के आसार नहीं, अब गेंद प्रशासन के पहलू में
इमरान दानिश
शोहरतगढ़ में साम्प्रदायिक झड़प के छठवें दिन भी दुकानों के खुलने के आसार नहीं हैं। व्यापारियों ने बैठक कर प्रशासन के सामने कठिन शर्तें रख दी हैं, जिन्हें तत्काल पूरा कर पाना प्रशासन के बस की बात नहीं है। जाहिर हैे कि मामला लंबा खिंचेगा।
सिद्धार्थनगर के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष और शोहरतगढ़ के निवासी एस पी अग्रवाल के घर बुधवार को हुई बैठक में तमाम व्यापारियों ने दुकानें नहीं खोलने का फैसला लिया। हालांकि कुछ व्यापारी दुकान खोलने के हक में थे, मगर बहुमत के आगे उनकी बात नहीं सुनी गई। बैठक में कहा गया कि व्यापारियों को सुरक्षा देने, दंगे में मृत सूर्यलाल अग्रहरि सहित व्यापारियों की तबाह दुकानों की क्षतिपूर्ति देने, बेगुनाह गिरफृतारों को रिहा करने से पहले दुकानें नहीं खुलेंगी।
वरिष्ठ व्यापारी और सपा नेता एसपी अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कहा गया कि जब तक प्रशासन का वरिष्ठ अफसर आकर नागरिकों से बात नहीं करेगा, दुकानों के खुलने का सवाल नहीं उठता है।
बैठक में शोहरतगढ़ के वरिष्ठ व्यापारी विजय परसरामका, राजेश आर्या, अम्बिका त्रिपाठी, शिव पूजन अग्रहरि, नंदू गौड़, गोविंद लाल, संतोष कुमार, जवाहर जायसवाल, नारायन वर्मा, शिव प्रसाद वर्मा, गोपी कसौधन आदि ने कहा कि उनकी बातें मानने से पहले दुकानों के खुलने का कोई सवाल नहीं हैं।
इस बारे में पुलिस कप्तान अजय कुमार साहनी ने कपिलवस्तु पोस्ट से साफ कहा कि शोहरतगढ़ में शांति है। सुरक्षा के पूरे बंदोबस्त हैं। व्यापारियों की कानून सम्मत मांगे पूरी करने में उन्हें कोई एतराज नहीं है। उन्हें उम्मीद है कि कल दुकानें खुलेंगी और माहौल फिर खुशनुमा होगा।
याद रहे कि मुहर्रम के दिन शोहरतगढ़ में हुआ दंगा कोई पहला नहीं है। यह और बात है कि पुलिस की सख्ती के चलते पहली बार दंगाइयों के हौसले टूटे हैं। उम्मीद है कि सख्ती बनी रहेगी। अपराधी चिल्लायें या विलाप करें, यह उनका अपना काम है।