पकड़े गये पाकिस्तानी डा. जावेद का प्रो. राजेश से सामना करायेगी पुलिस

October 29, 2015 2:35 PM0 commentsViews: 245
Share news

अजीत सिंह
dr javed kamalएसएसबी द्वारा पकड़े गये पाकिस्तानी नागरिक जावेद को महराजगंज पुलिस ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से पांच दिन के रिमांड पर ले लिया है।  इस दौरान पुलिस जावेद का प्रोफेसर राजेश से आमना सामना कर कर पूछताछ करेगी। उसकर पासपोर्ट और डिग्री फर्जी है। इससे उसके भारत प्रवेश पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

कथित डा. जावेद जो 76 जीबी फैसलाबाद पाकिस्तान का निवासी है। पकड़े जाने पर उसने बनारस के जिस प्रो. राजेश सिंह से मिलने की बात कहा था, पुलिस उसे प्रोफेसर राजेश का आमना सामना करायेगी।

उसके पास से बरामद 40 हजार थाई करेंसी की भी जांच होगी और उसका भारत में आने का मकसद जानेंगे। वह भारतीय प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में गहरी पैठ बनाने के चक्कर में था या उसका कोई अन्य मकसद था, यह अभी तक सामने नही आ पाया है।

यह भी प्रतीत होता है कि उसके भारत व नेपाल में शरणदाताओं की गहरी पैठ भी है। पकडे़ गये जावेद ने भारत में घुसपैठ करने के लिए अपने ही शहर फैसलाबाद के हमनाम डा. जावेद कमाल के समस्त शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल किया है।

मालूम होता है कि वह अपने आकाओं के इच्छानुसार बनारस को टारगेट में लेकर सम्पूर्ण भारत में दहसत फौलाने की रेकी करने के जुगाड़ में था। गिरफतार किये गये कथित डा. जावेद के सभी प्रमाण पत्र पाकिस्तान स्थित भारतीय दूतावास ने फर्जी करार कर दिया है। जिसके बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अत्यधिक चौकन्ना हो गयी हैं।

लेकिन जावेद आईएसआई से जुड़कर भारत विरोधी गतिविधयों को अंजाम देने के लिए अभी अपनी सच्चाई उगलने में कंजूसी कर रहा है।
भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त कथित डा. जावेद के पास जो पासपोर्ट मिला है उस नाम का व्यक्ति भारत तीन बार आ चुका है मगर उस पर लगी फोटो उसके चेहरे से मिल नही रहा है, इसलिये भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी परेशान हैं। कि दूसरे के पासपोर्ट पर भारत आने का उसका मकसद क्या हो सकता है।

दिल्ली गृहमंत्रालय से खुफिया जांच टीम भी महराजगंज पहुंच चुकी है, मगर पुलिस द्वारा जावेद को न्यायालय से मंगलवार तक रिमांड नहीं मिल पाने के कारण और जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन बुधवार को न्यायालय से बुधवार को 5 दिन की रिमांड मिलने के बाद अब सच्चाई सामने आने उम्मीद है।

न्यायालय ने रिमांड देने के बाद यह भी विवेचक को निर्देशित किया है कि अभियुक्त को किसी प्रकार के शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न नही होना चाहिये। अभियुक्त के अधिवक्ता चाहे तो निश्चित दूरी पर रह सकते है।

Tags:

Leave a Reply