बागी विधायक गरजेः इस बार कपिलवस्तु महोत्सव नहीं बल्कि भाजपा महोत्सव का आयोजन हुआ

March 17, 2021 3:01 PM0 commentsViews: 3039
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महोत्सव में भाजपाई कलाकारों तथा हेमामालिनी, रवि किशन व मनोज तिवारी पर लगभग पचास लाख रुपये खर्च हुए

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। कपिलवस्तु महोत्सव को लेकर सरकार की साझीदार पार्टी अपना दल के विधायक अमर सिंह चौधरी भड़के हुए हैं। उनका आरोप है कि महोत्सव के मंच पर केवल भाजपा के नेताओं का सम्मान था। अन्य जनप्रतिनिधि उपेक्षित थे। कलाकारों के नाम पर केवल भापाजा नेताओं को इकट्टा किया गया था। जिन पर पचास लाख रुपये खर्च किए गये। सब भाजपा के एक नेता के इशारे पर हो रहा था।

 

विधायक अमर सिंह चौधरी की मानें तो वहां जिस तरह भाजपा की विरुदावलियां गाई जा रही थीं, उससे लग रहा था कि कार्यक्रम कपिलवस्तु महोत्सव न हो कर भाजपा महोत्सव बन गया है। मंच केवल भाजपा नेताओं की प्रदर्शनी और एक व्यक्ति विशेष (उनका इशारा जिले के सांसद की ओर था) की चरणवंदना का कार्यक्रम बन कर रह गया। कार्यक्रम में शिक्षक, सफाईकर्मी, आम आदमी का चंदा लगा है लेकिन प्रशासन ने इसे राजनीतिक कार्यक्रम बनाकर धन का दुरुपयोग किया है।

 

कपिलवस्तु महोत्सव में सोमवार रात भोजपुरी नाइट में पहुंचे शोहरतगढ़ विधायक अमर सिंह चौधरी कार्यक्रम में विधायकों को ‌पद के अनुसार सम्मान नहीं दिए जाने पर नाराज होकर उठ कर चले गए। उन्हें नाराज होता देख गायक और भाजपा नेता मनोज तिवारी ने मनाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं रुके। मंगलवार को पत्रकारों के सामने उन्होंने अपना गुस्सा प्रकट करते हुए कहा कि कार्यक्रम में सर्व समाज के किसी कलाकार को नहीं बुलाया गया। कलाकारों के रूप में भाजपा सांसद हेमामा‌लिनी, रविकिशन और दिल्ली के पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी पर करीब पचास लाख रुपये खर्च किए गए। यह धन प्रशासन ने चंदे के रूप में जिले के शिक्षकों, सफाईकर्मियों, भट्ठा मालिकों, व्यापारियों से वसूला था। इस धन का दुरुपयोग भाजपाई कलाकारों पर किया गया।

 

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कार्यक्रम में सांसद जगदंबिका पाल के साथ ही सभी विधायक मौजूद थे लेकिन भाजपाई कलाकार मनोज तिवारी, रवि किशन को एक व्यक्ति के अलावा कोई नजर नहीं आया। भाजपा के कलाकार केवल एक व्यक्ति का गुणगान और चरणवंदना करते रहे जैसे विधायकों ने अपने क्षेत्र में कोई विकास कार्य कराया ही नहीं।

 

विधायक अमर सिंह चौधरी ने प्रशासन पर एक व्यक्ति के ही इशारे पर नाचने और विधायकों के लिए उचित व्यवस्था नहीं कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि विधायकों के बैठने की भी व्यवस्था नहीं की गई थी, इसलिए कार्यक्रम छोड़ कर जाना पड़ा। जिला अधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि भोजपुरी नाइट में कलाकारों का चयन समिति की ओर से किया गया था। सभी जन प्रतिनिधियों के लिए पांडाल में उचित व्यवस्था की गई थी। मंच पर कलाकारों ने किसको संबोधित किया या तरजीह दी यह कलाकारों का व्यक्तिगत मामला है, प्रशासन की ओर से किसी भी कलाकार को कोई सलाह नहीं दी गई थी। यहां यह बताना जरूरी है कि सरकार के सहयोगी दल का होने के बावजूद विधायक अमर सिंह सत्ता पक्ष के खिलाफ बोलने को लेकर अक्यर चर्चा में रहते हैं।

 

बता दें कि कपिलवस्तु महोत्सव प्रशासन और नागरिकों के सहसोग से किया जाने वाला कार्यक्रम है। इस सांस्कुति मेले का उद्देश्य क्षेत्र की संस्कृति, परम्परा व धरोहरों को इसके लिए प्रतिवर्ष महोत्सव के कोर कमेटी सदस्यों की बैठक के बाद विभिन्न समितियों के चयन की प्रथा रही है, जिनकी राय से ही कार्यक्रम की रूप रेखा बनाई जाती है। लेकिन वर्षो से कोर ग्रुप की बैठक की परम्परा समाप्त कर दी गई तथा इस पर प्रशासन हावी हो गया। अब नाम के लिए बनी समितियों के बजाय प्रशासन स्यंव कलाकारों की टीमों का चयन कर लेता है ,और उसके लिए सब कुछ ठेके पर तय कर दिये जाते हैं। राजनीतिज्ञों में जिसकी सत्ता होती है केवल उसी को महत्व दिया जाता है।

 

 

 

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