बहनों की शादी टूटी, परिवार तक जेल गया, मगर काजल ने सारे दुख झेल कर दारोगा को जेल भिजवा कर ही दम लिया

March 25, 2021 2:08 PM0 commentsViews: 1489
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। बस्ती कोतवाली अन्तर्गत सोनूपार चौकी के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर दीपक सिंह तीन दिन पूर्व जेल भेज दिय गये। वजह थी एक लड़ कर काजल सिंह से जबरन प्यार करना। काजल के इंकार पर दारोगा ने ने केवल उसे अश्लील मैसेज भेजना शुरू किया बल्कि उसके परिवार के सभी परिजनों को फर्जी मुकदमें में फंसा कर जेल भेजना शुरू कर दिया। दारोगा ने उस परिवार की इतनी बेइज्जती करायी कि दो दो बेटियों की शादी तक टूट गई, लेकिन काजल सिह की हिम्मत को सलाम। जिस ने उस दारोगा से लड़ना जारी रखा  और अन्ततः दारोगा को जेल जाना पड़ा। समाचार लिखे जाने तक दारोगा दीपक सिंह जेल में है और काजल समाज में सर उठा कर सम्मान के साथ चल रही है।

क्या है काजल की पूरी कहानी

बस्ती कोतवाली अन्तर्गत पूलिस चौकी सोनूपार क्षेत्र में एक गांव है पोखरभिटवा है। कहानी एक सला पहले इसी महीने शुरू होती है। पोखरभिटवा गांव की एक लड़की काजल सिंह बहन के लिए दवा लेने जा रही थी। इसी दौरान चौकी इंचार्ज दीपक सिंह ने उसे कोराना मास्क चेकिग के दौरान रोका। फिर पूछताछ के बाद उसका मोबाइल नम्बर लिया और जाने दिया। बाद में काजल के पास दारोगा प्रदीप सिंह के अश्लील मैसेज आने लगे। कई बार उसने दारोगा को मना भी किया मगर दारोगा न माना। आखिर में काजल ने दारोगा का नम्बर ब्लाक कर दिया। फिर शुरू हो गया काजल के परिवार पर तबाही का दौर।

काजल के पूरे परिवार पर मुकदमा

काजल द्धारा प्रदीप सिंह को व्हाटसअप पर ब्लाक करने के बाद दारोगा दीपक सिंह उससे खार खा गया और उसे परेशान करने के लिए उसके परिजनों पर एक एक कर दस फर्जी मुकदमें लाद दिये। आये दिन वह उसके माबाप बच्चों की पिटाई करता। काजल पर भी मुकदमें के कारण उसकी लगी हुई शादी टूट गई। उसकी फुफेरी बहिन की शादी टूट गई। अब काजल का पूरा परिवार चौबीस घंटे भय के माहौल में जीता रहता। आये दिन परिवार का कोई न कोई सदस्य पुलिस द्धारा पीटा जाता। काजल ने जिले में हर अफसर से इसकी फरियाद भी की, मगर किसी ने न मदद की न ही काजल व उसके परिजनों को न्याय मिला।

आखिर दौड़ धूप कर हर तरफ से थकी हारी काजल ने महिला आयोग में फरियाद किया, जहां महिला आयोग की सुनीता बंसल ने मामले पर ध्यान दिया।  इसी दौरान मुख्यमंत्री जी के यहां भी भेजे गये प्रार्थनापत्र  की भी जांच कर कार्रवाई का आदेश आ गया। पहले तो बस्ती के तत्कालीन एसपी दारोगा को बचाने में लग रहे, मगर महिला आयोग की दिलचस्पी के कारएा मामला दब न सका और दारोगा की सारी कारतूतें सामने आ गईं। इसके बाद एसपी का ट्रांसफर हुआ। तत्कालीन सीओ, तत्कालीन कोतवाली इंस्पेक्टर वर्तमान इंस्पेक्टर और दारोगा दीपक सिंह आदि 12 कर्मियों को निलम्बित किया गया तथा चौकी इंचार्ज प्रदीप सिंह का जेल भेज दिया गया।

भाजपा चार साल बेमिसाल के आयोजन में व्यस्त है

अब यहां सवाल उठता है कि आखिर पूर्वांचल की पुलिस को क्या हो गया है। यह क्षेत्र मुख्यमंत्री का माना जाता है, मगर यहीं सबसे अधिक अराजकता है। इस घटना के के साथ ही गोरखपुर के एक होटल में लड़की न मिलने पर एक इंस्पेक्टर ने वेटर से ही अप्राकृतिक दुष्कर्म करने की कोशिश के आरोप में जेल भेजा गया है। सिद्धार्थनगर में सरे आम घूस लेने का विडियो वायरल होने के बाद भी दारोगा को सिर्फ लाइन हाजिर किया गया। मुख्यंमंत्री के गृहमंडल और पड़ोसी मंडल में इस तरह की अनेक घटनाओं से लोग परेशान हैं और सरकारी पार्टी भाजपा शान से सरकार के चर साल बेमिसाल जैसा आयोजन मना कर अपनी उपलब्धियों का ढिंढोरा पीट रही है।

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