मिलावटी खोया: कारोबारियों के हाथ है बड़े लंबे, कठपुतली बने रोडवेज एवं खाद्य विभाग
संजीव श्रीवास्तव
दीपावली का त्योहार करीब आते ही बाजार में मिलावटी खोये के कारोबारियों की सिद्धार्थनगर के बाजारों में सक्रियता बढ़ गयी है। कारोबारियों के हाथ इतने लंबे हैं कि रोडवेज एवं खाद्य विभाग इनके हाथ की कठपुतली बन गया है। रोडवेज की बसों में खोये की बुकिंग बंद हो चुकी है, फिर भी कानपुर एवं लखनऊ से आने वाली बसों के माध्यम से पूरे पूर्वाचल में खोये की खेप कैसे लादी जा रही है ? इस सवाल का उत्तर कोई जिम्मेदार नहीं दे पा रहा है।
मिलावटी खोेये की बिक्री पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी वाला खादय विभाग कहता है कि अगर रोडवेज विभाग के लोग गंभीर हो जाये, तो जिले में मिलावटी खोये के कारोबारियों की दाल नहीं गलेगी।
जिला अभिहीत अधिकारी महेन्द्र कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि मिलावटखोर कानपुर और लखनऊ की बसों के माध्यम से सप्लाई करते हैं। यह सामान पूरे रास्ते लावारिस अवस्था में पड़ा रहता है। इसलिए जब भी यह बरामद होता है, तो कारोबारी पकड़े नहीं जाते हैं।
जबकि रोडवेज के एआरएम मुकेश कुमार का कहना है खाद्य सुरक्षा विभाग अपना दोष उनके विभाग पर मढ़ रहा है। रोडवेज विभाग में खोवें की बुकिंग बंद है। ऐसे में अगर रोडवेज की बसों से खोवा आ रहा है, तो खाद्य सुरक्षा विभाग के अफसरों को कानपुर या लखनऊ में ही बसों की चेकिंग करनी चाहिए। अगर ऐसा किया जाये, तो लादने वाले स्थान पर ही खोया जब्त किया जा सकता है।
ऐसे करें मिलावटी खोवे की पहचान
1-खोवे को हाथ लेकर गोली बनाये, अगर गोली बन जाये, तो खोवा असली है।
2-मिल्क पाउडर और रिफाइन से मिलावटी खोवा बनाया जाता है, ऐसी स्थिति में मिलावटी खोवे में रिफाइन की महक आती है।
3- मिलावटी खोवा दानेदार होता है, जबकि असली खोवा साफ्ट और स्मूथ होता है।