पहले दलितों के घर तोड़े अब सुलह के लिए उनका उत्पीड़न कर रही जोगिया पुलिस
नजीर मलिक
मुख्यालय से सात किमी दूर करौंदा मसिना गांव के 6 दलितों के शौचालय और किचन पुलिस वालों ने तोड़ दिया। अब वह पीड़ित परिवारों को मामले में सुलह के लिए दबाव डाल रही है।
घटना के मुताबिक पांच नवम्बर को जोगिया कोतवाली पुलिस ने एक पीड़ित गीता पत्नी गेनवारी लाल और उसके बेअे पिंटू को थाने बुलाया और गाली देते हुए धमकाया कि वह विपक्षी राम जीवन से चल रहे मुकदमे में सुलह कर ले, अन्यथा अंजाम बुरा होगा।
गीता उसका गांव के राम जीवन से जमीन को लेकर मुकदमा चल रहा है। रामजीवन को गांव के एक दबंग का संरक्षण है, जिसके दबाव में पुलिस ने अगस्त माह में उसका पक्का किचन और शौचालय तोड़ दिया था।
कपिलवस्तु पोस्ट के कार्यालय में आई गीता के साथ की राधिका, सुमित्रा व सुशीला आदि ने भी बताया कि पुलिस वालों ने उनके भी किचन और शोचालय तोड़ दिये और अब उन्हें धमका कर मुंह बंद रखने को कह रहे हैं।
गीता का पुत्र पिंटू स्नातक का छात्र है। उसने बताया कि पुलिस वानों ने कहा कि अगर मुकदमें में सुलह नहीं करोगे तो तुम पर इतने मुकदमे लगेंगे कि भविष्य चौपट हो जायेगा।
इन लोगों ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थनापत्र देकर मामले की जांच की मांग की है। हालांकि इस मामले में जोगिया कोतवाली का कहना है कि जो कुछ हुआ है वह मजिस्ट्रेट के इषारे पर हुआ है। दूसरी तरफ पीड़ित महिलाओं का कहना है कि मजिस्ट्रेट मौके पर नहीं थे। न ही पुलिस ने उन्हें ऐसा कोई आदेश दिखाया है।