सरकारी सर्वेः जानिये जिले की किस विधानसभा सीट पर कितने प्रतिशत हैं मुस्लिम वोटर

January 10, 2022 1:07 PM0 commentsViews: 1853
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डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र में निवास करते हैं सर्वाधिक मुस्लिम तो बांसी विधानसभा सीट पर हैं सबसे कम प्रतिशत में मुस्लिम मतदाता

 

 

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। जाति धर्म के आधार पर चुनावों में बनने वाली सोशल इंजीनियरिंग की रणनीति के तहत अब हर जातियों के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र में अपनी जाति धर्म का निश्चित वोट प्रतिशत जानना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। हर समाज इस वक्त अपनी जाति की जनसंख्या को जान कर अपने चुनावी समीकरण तैयार करता है। पिछली जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक जिले में मुस्लिम आबादी 29.82 फीसदी है। जिसमें डुमरियागंज में यह आबादी सर्वाधिक और बांसी में सबसे कम है।

बता दें कि  2011 से पूर्व प्रदेश के दलितों और पिछड़ों का सरकारी सर्वे हुआ था। वर्गवार हुए इस सर्वे में जिले में दलित 17 फीसदी और पिछड़े 26 फीसदी थे। मुसलमानों की आबादी स्पष्ट नहीं थी। कोई इसे 25 तो कोई 40 फीसदी बताता था। यह अफवाहें राजनीतिक लोग अपनी सुविधानुसार गढ़ते थे। एक कांग्रेसी नेता तो बाकायदा पर्चा बंटवा कर सदर विधानसभा क्षेत्र में ब्राहमणों की आबादी 70 हजार बताते थे। जबकि ब्राहमणों की अलग जनगणना कभी हुई ही नहीं थी।

2015 में जारी हुई रिपोर्ट

2011 में पहली बार सरकारी स्तर पर धर्मवार सर्वे कराया गया। 2015 में उसकी रिर्पोट सार्वजनिक हुई, जिसके  मुताबिक सिद्धार्थनगर में मुस्लिम आबादी तकरीबन 28 फीसदी से ज्यादा बताई गयी, लेकिन जब भारत सरकार के नीति आयोग के गुणाभाग बाद फाइनल रूप से  मुस्लिमों की जनसंख्या 29.82 पाई गई।यही भारत सरकार का वास्तविक अंकड़ा माना गया है। आकड़ों के मुताबिक जिले में सबसे ज्यादा 37.91 प्रतिशत मुस्लिम  डुमरियागंज विधानसभा क्षेत्र में हैं। इसके अलावा  दूसरे नत्बर पर इटवा क्षेत्र आता है।सरकारी अभिलेखों में जहां मुसलमानों की आबादी 36.92 फीसदी बताई गई है।  अन्य में शोहरतगढ़  विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम जनसंख्या 26.86 प्रतिशत तथा कपिलवस्तु विधानसभा क्षेत्र में 26.55 फीसदी है। इसके अलावा  विधानसभा क्षेत्र बांसी में  मुसलमानों की जनसंख्या सरकारी तौर पर 20.86 फीसदी बताई गई है। इस प्रकार आबादी के दृष्टि से प्रदेश की उन सौ विधानसभा सीटों में शामिल है जहां मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत से ५० प्रतिशत के बीच है।

सवर्ण वोट मात्र 24 प्रतिशत?

इस आंकड़े के  आधार पर जिले में 70.18 प्रतिशत हिंदू निवास करते हैं, जिनमें 17  फीसदी दलित  और 26 फीसदी पिछड़ा वर्ग है। इनमें 3 फीसदी आबादी, इसाई, सिख और अन्य की है।   शेष  24  फीसदी आबादी, सवणों की है। इसमें पहले नम्बर पर वैश्य, दूसरे पर ब्राहमण, तीसरे पर कायस्थ और चौथे  पर राजपूत  के होने का अनुमान है, क्योंकि इनको अलग जातियों के बजाये  संयुक्त रूप से सामान्य वर्ग में रखा गया है।

आंकड़े बताते हैं कि सोशल इंजीनीरिंग की राजनीति के इस दौर में अगर विपक्ष का गठबंधन सफल रह तो आगामी विधानसभा चुनाव का मंजर बेहद दिलचस्प और रोमांचक हो जाएगा, क्योंकि सिद्धार्थनगर लिे में सवर्णां की पार्टी कही जाने वाली भाजपा के मुकाबले सपा, गठबंधन कागजों पर मजबूत दिखता है। क्योंकि इस बार उसके साथ पिछड़ी जातियों की पार्टी के कई धड़े भी साथ हैं जो गत गत चुनावों में भाजपा के साथ खड़े थे। ऐसे में प्रतीक्षा करनी होगी कि  भाजपा ने अपने तरकश में इसकी काट के लिए कौन कौन सा तीर छुपा रखा है?

 

 

 

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